नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) कांग्रेस ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर सोमवार को एक पुस्तिका जारी की, जिसमें स्थिर विकास दर, बढ़ती भुखमरी और उनके ‘‘अधूरे वादों’’ को रेखांकित किया गया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पुस्तिका, ‘11 साल, विकास के झूठे वादे’, इस सरकार की ‘‘सबसे बड़ी नाकामियों और झूठ’’ की पोल खोलती है।
यह पुस्तिका तैयार करने वाले एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के शोध विभाग के प्रमुख राजीव गौड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार फर्जी खबरों और दुष्प्रचार में बहुत माहिर है। विपक्ष के तौर पर यह हमारा काम है कि हम लोगों को इस गंभीर वास्तविकता से अवगत कराएं।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा की वादाखिलाफी को उजागर करने के लिए (कांग्रेस) पार्टी दस्तावेजों के दो सेट जारी कर रही है।
गौड़ा ने कहा कि पुस्तिका ‘एक और बार जुमला सरकार’ में भाजपा द्वारा 2024 के चुनावी घोषणापत्र में किये गए वादों और उसके बाद किए गये वादों पर गौर किया गया है।
उन्होंने कहा कि दूसरी पुस्तिका ‘11 साल झूठे विकास के वादे’ है, जो भाजपा के ‘‘खोखले वादों’’ का ‘‘विस्तृत खुलासा’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘11 साल दस्तावेज में, सबसे पहले जिस विषय को वे (भाजपा) रेखांकित करते हैं, वह है गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों की सुध लेना। वे बहुत खुश हैं कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत 81 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज मिल रहा है। लेकिन भुखमरी की मूल समस्या भारत में बहुत बड़ा संकट है और यह हमें वैश्विक भूख सूचकांक में 127 देशों में से 105वें स्थान पर रखती है।’’
गौड़ा ने कहा, ‘‘इसके निहितार्थ हैं: कुपोषण हमारे बच्चों को भयावह रूप से प्रभावित कर रहा है, उनके विकास को बाधित कर रहा है। कद कम बढ़ना 35.5 प्रतिशत है, दुर्बलता 19.3 प्रतिशत है, कम वजन 32.1 प्रतिशत है।’’
उन्होंने कहा कि लगभग एक तिहाई भारतीय बच्चे कुपोषण से पीड़ित हैं, जबकि भाजपा ‘‘विकसित भारत’’ पर जोर दे रही है।
उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा, ‘‘आइए हम अपने प्रधानमंत्री को याद दिलाएं कि हमारे बच्चों और इनके भविष्य के प्रति उनका एक कर्तव्य है। वे (भाजपा) दावा करते हैं कि उन्होंने 2014 से 4 गुना अधिक एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए हैं। उन्होंने 700 से अधिक विद्यालयों की घोषणा की है, जिनमें से 300 अभी भी संचालित नहीं हो रहे हैं। क्या विद्यालय स्थापित करना और संचालित करना ‘रॉकेट साइंस’ है?’’
कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र का यह दावा कि भारत ने स्वदेशीकरण सूची में 5,000 से अधिक रक्षा वस्तुओं को जोड़ा है, यह भी सच नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुख की बात है कि स्वदेशीकरण के लिए सूचीबद्ध 40 प्रतिशत वस्तुओं का अब तक स्वदेशीकरण नहीं किया गया है। भारत रक्षा उत्पादन और निर्यातक के बजाय शीर्ष आयातकों में से एक बना हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप ‘मिशन मोड डीआरडीओ परियोजनाओं’ को देखें तो 55 में से 23 में देरी हो चुकी है और हमारे रक्षा बजट में अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) का हिस्सा केवल 5.45 प्रतिशत है।’’
उन्होंने कहा कि यह दावा भी सच नहीं है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह सच है, लेकिन हम किस दर से बढ़ रहे हैं? क्या हम अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा उठा पाने में सक्षम हैं? कोई भी अर्थशास्त्री आपको बता देगा कि यदि हम प्रति वर्ष 8.5 प्रतिशत से कम वृद्धि करते हैं, तो हम अपने करोड़ों युवाओं के भविष्य को अंधकारमय कर रहे हैं, क्योंकि हमारे पास पर्याप्त विकास, नौकरियां और अवसर नहीं होंगे…।’’
उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत की विकास दर 6.5 प्रतिशत रही है, जो कोरोना महामारी की अवधि के बाद सबसे कम दर है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘तो, आपकी सरकार के इस 11वें साल में क्या हो रहा है, प्रधानमंत्री मोदी? जो हो रहा है, वह निजी क्षेत्र की प्रतिक्रिया में झलकता है। क्या भारतीय निजी क्षेत्र भारत में निवेश कर रहा है? यदि आप निवेश के आंकड़ों को देखें, तो आपके द्वारा कर में भारी कटौती करने के बाद भी कुछ नहीं बदला है। उन्हें अभी भी आपके अर्थव्यवस्था के प्रबंधन पर निवेश करने का भरोसा नहीं है।’’
पूर्व कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘घोर असमानता भी है। भारत के शीर्ष एक प्रतिशत लोगों के पास 40 प्रतिशत संपत्ति है। और सबसे निचले 50 प्रतिशत लोगों के पास केवल 3 प्रतिशत से कुछ अधिक।’’
गौड़ा ने कहा कि नवंबर 2024 तक शीर्ष विश्वविद्यालयों में 5,000 शिक्षण पद रिक्त हैं और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में 35 प्रतिशत संकाय पद तथा नये खोले गये एम्स में 40 प्रतिशत से अधिक संकाय पद रिक्त हैं।
उन्होंने केंद्र की उड़ान योजना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘50 प्रतिशत से अधिक स्वीकृत मार्ग 2023 तक कभी शुरू ही नहीं हो पाए। उड़ान योजना के तहत 619 मार्गों में से केवल 323 ही चालू हैं। 4,500 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी उड़ान अभी भी उड़ान भरने के लिए संघर्ष कर रही है।’’
कांग्रेस नेता महिमा सिंह ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में केवल ‘जुमले’ ही मिले हैं।
भाषा सुभाष दिलीप
दिलीप
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