गुवाहाटी, 16 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की असम इकाई के अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने बुधवार को कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़े नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन न केवल निंदनीय है, बल्कि एक स्थिर समाज की भावना के भी खिलाफ है।
सैकिया ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘ नेशनल हेराल्ड मामला कानूनी रूप से आगे बढ़ रहा है। सोनिया और राहुल दोनों, जेल में नहीं होने के बावजूद कानूनी जांच के दायरे में हैं।’’
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले चार वर्षों से सोनिया और राहुल गांधी दोनों ही जांच एजेंसियों को संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विरोध प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकार हो सकता है, लेकिन किसी को भी देश की जमीन और पूंजी लूटने का अधिकार नहीं है।’’
सैकिया ने कहा कि 1937 में 5,000 साझेदारों के साथ शुरू किया गया नेशनल हेराल्ड अखबार ‘‘कभी भी नेहरू परिवार की निजी संपत्ति नहीं था। 2008 में अखबार का प्रकाशन बंद कर दिया गया। बाद में, कांग्रेस पार्टी ने नेशनल हेराल्ड को 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया, जिसे अखबार के मूल प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को दिया गया।’’
उन्होंने कहा कि जब एजेएल ऋण नहीं चुका पाया, तो यंग इंडियन नामक कंपनी के माध्यम से नेशनल हेराल्ड को अधिग्रहित करने का प्रयास किया गया, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। सैकिया ने आरोप लगाया कि शेष हिस्सा मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस जैसे व्यक्तियों के नाम पर थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि आखिरकार यंग इंडियन ने एजेएल की सभी संपत्तियां अधिग्रहित कर लीं, जिनमें दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित प्रमुख संपत्ति शामिल थी, साथ ही मुंबई, लखनऊ, भोपाल और पटना में हजारों करोड़ रुपये की संपत्तियां भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस का दावा है कि ‘यंग इंडियन’ एक गैर-लाभकारी संगठन है जो धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए स्थापित किया गया था, लेकिन इसने अभी तक कोई भी प्रत्यक्ष धर्मार्थ कार्य नहीं किया है।’’
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूरी प्रक्रिया एक व्यक्तिगत शिकायत के बाद सामने आई, जिसके बाद ईडी ने जांच की और सोनिया तथा राहुल गांधी के खिलाफ की गई कार्रवाई न्यायिक निर्देशों के अनुरूप है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश पर दशकों तक शासन करने वाली कांग्रेस शायद ईडी जैसी संस्थाओं को अपने नियंत्रण में रखने की आदी हो गई है, लेकिन भाजपा ने कभी किसी सरकारी एजेंसी का दुरुपयोग नहीं किया है।’’
सैकिया ने कहा कि यह ध्यान देना चाहिए कि यह मामला 2013 में कांग्रेस के शासन के दौरान दर्ज किया गया था। इसलिए, जांच एजेंसियों के कामकाज में बाधा डालने और उन्हें डराने-धमकाने की पार्टी की कोशिशें लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भारत के लोग गांधी परिवार द्वारा की गई लूट का कभी समर्थन नहीं करेंगे… राष्ट्रीय ‘लुटेरों’ का बचाव करने के लिए पार्टी का विरोध एक हास्यास्पद कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है।’’
भाषा धीरज अविनाश
अविनाश
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