गुवाहाटी, 20 फरवरी (भाषा) असम के धुबरी से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य रकीबुल हुसैन और उनके निजी सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) पर नगांव जिले के रूपोही हाट में बृहस्पतिवार को अज्ञात लोगों ने हमला किया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
हुसैन पर हमले के बाद मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने घोषणा की कि जिले में रहने के दौरान विपक्षी दल के नेता की सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी। वहीं असम से कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई ने घटना के लिए शर्मा पर निशाना साधा।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हुसैन को कोई चोट नहीं आई है, लेकिन उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों को मामूली चोट आई हैं।
प्रदेश कांग्रेस ने हमले में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
पुलिस ने बताया कि हुसैन दोपहिया वाहन पर रूपोही पुलिस थानांतर्गत गुनोमारी गांव में पार्टी की एक बैठक में भाग लेने के लिए जा रहे थे, तभी उन पर क्रिकेट के बल्ले से लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया। लोगों ने अपने चेहरे काले कपड़े से ढके हुए थे और सांसद के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
पीएसओ ने गोली चलाकर सांसद को बचाने की कोशिश की, लेकिन उन पर भी हमला किया गया। अतिरिक्त पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और भीड़ को तितर-बितर किया, जबकि हुसैन को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया।
पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बयान देते हुए कहा कि भीड़ ने हुसैन को गांव में जाने से रोकने की कोशिश की, तभी उनके पीएसओ ने गोली चला दी।
उन्होंने कहा कि सांसद बाद में उस स्थान पर गए जहां उन्हें बैठक को संबोधित करना था और बैठक जिला पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में आयोजित की गई।
शर्मा ने कहा कि सांसद के जिले में रहने के दौरान उनकी सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी, खासकर सामगुड़ी और रूपोही हाट इलाकों में।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हरमीत सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और संबंधित एसपी घटना की जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “जांच आगे बढ़ने पर हम विस्तृत जानकारी साझा करेंगे।”
सिंह ने कहा कि सांसद को कोई चोट नहीं आई है, लेकिन उनके दो पीएसओ को मामूली चोटें आई हैं और उन्हें आवश्यक उपचार प्रदान किया जा रहा है।
असम प्रदेश कांग्रेस समिति (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने हुसैन पर हमले की निंदा की और इसे राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मुख्यमंत्री व गृह मंत्री शर्मा की विफलता बताया।
उन्होंने कहा, “अगर पुलिस हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो यह कहना होगा कि राज्य में जंगल राज है और असम के लोग यह स्वीकार करने के लिए मजबूर होंगे कि पुलिस भाजपा के हाथों का हथियार बन गई है।”
इस घटना के बाद कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने दावा किया कि असम में ‘लोकतंत्र खतरे में है’ और राज्य के लोग कथित ‘गुंडा राज’ संस्कृति से मुक्ति चाहते हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता ने कहा कि गुंडों ने असम में कांग्रेस के एक लोकसभा सांसद और पुलिस सुरक्षा अधिकारियों पर कथित तौर पर दिनदहाड़े एक व्यस्त बाजार में हमला किया और उनके हथियार छीनने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि यह सब कैमरे में रिकॉर्ड हो गया है।
गोगोई ने कहा, ‘फिर भी असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा यह सुनिश्चित करने से इनकार कर रहे हैं कि गुंडों को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री को कम से कम असम पुलिस और बाजार में मौजूद निर्दोष लोगों के प्रति अपने संवैधानिक कर्तव्य के बारे में सोचना चाहिए। अगर गुंडों के हाथ कोई मशीन गन लग जाती तो भयानक हादसा हो सकता था।’
भाषा जोहेब प्रशांत
प्रशांत
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