बेंगलुरु, 26 अक्टूबर (भाषा) बेंगलुरु की एक अदालत ने 2009-10 के दौरान बेलेकेरी बंदरगाह से लौह अयस्क की चोरी और अवैध निर्यात के मामले में कांग्रेस विधायक सतीश कृष्णा सैल को सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई तथा भारी-भरकम जुर्माना लगाया।
जनप्रतिनिधियों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत ने करवार से विधायक कृष्णा (58) और छह अन्य आरोपियों को 24 अक्टूबर को दोषी करार दिया था। सजा सुनाए जाने के बाद, अब दो बार के विधायक कृष्णा की विधानसभा सदस्यता खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है।
सैल को श्री मल्लिकार्जुन शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में चोरी, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी करने के आरोपों में दोषी ठहराया गया।
वर्ष 2010 में बेल्लारी में अवैध रूप से खनन कर करोड़ों रुपये मूल्य का लौह अयस्क बेलेकेरी बंदरगाह पर जमा किया गया था। हालांकि, आरोपियों ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर लौह अयस्क तस्करी कर चीन भेज दिया।
मामले के अन्य दोषियों में तत्कालीन बंदरगाह उप संरक्षक महेश जे बिलिये, आशापुरा माइनकेम के प्रबंध निदेशक चेतन शाह, केवी नागराज उर्फ स्वास्तिक नागराज, केवीएन गोविंदराज, वेंकटेश्वर मिनरल्स के पार्टनर कारापुडी महेश कुमार और लाल महल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रेम चंद गर्ग शामिल हैं।
बिलिये को आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक षड्यंत्र का दोषी करार देते हुए सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने प्रारंभिक मामले में छह करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने चोरी से संबंधित एक मामले में दोषियों को अतिरिक्त तीन वर्ष की सजा सुनाई तथा सरकार को जुर्माने की राशि वसूलने का आदेश दिया।
दूसरे मामले में अदालत ने सैल को सात साल की अतिरिक्त सजा सुनाई और छह करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
तीसरे मामले में सभी आरोपियों को पांच साल की जेल और 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया, साथ ही धोखाधड़ी करने के लिए कुल 9.36 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
चौथे मामले में, सैल, बिलिये और नागराज को धोखाधड़ी के लिए पांच साल और सात साल की सजा सुनाई गई, साथ ही 9.54 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया।
सजा के तुरंत बाद, मामले की जांच करने वाले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “मैं विधायक को सजा सुनाए जाने के बाद कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष से उन्हें अयोग्य घोषित करने की अपील करता हूं।”
भाषा जोहेब सुभाष
सुभाष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.