नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने शुक्रवार को मणिपुर के हालात पर भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी के बयान को लेकर उन्हें निशाने पर लिया. तिवारी ने कहा, “जहां तक अमेरिका के राजदूत की यह चिंता है कि देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है पर भारत ने कभी भी अपने आंतरिक मामलों में इस तरह के बयानों को नहीं सराहा.”
#WATCH | Congress MP Manish Tewari says, "What is happening in Manipur is tragic. PM should have gone there and spoken up much earlier. HM should have visited the state continuously until normalcy returns there…We will raise this issue in the Parliament. As far as the US… https://t.co/n66U6xVyZ8 pic.twitter.com/8UBl6Z1XbQ
— ANI (@ANI) July 7, 2023
अमेरिका में बड़े पैमाने पर गन हिंसा की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा, “हमने कभी नहीं कहा कि अमेरिका हमसे सीखे कि इस पर कैसे लगाम लगाई जाए. अमेरिका नस्लीय दंगों का सामना करता है. हमने उन्हें कभी नहीं कहा कि हम उन्हें लेक्चर देंगे.”
उन्होंने कहा, “शायद नये राजदूत के लिए भारत-अमेरिका के संबंधों के इतिहास पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है.”
तिवारी की यह टिप्पणी बृहस्पतिवार को गार्सेटी की मणिपुर में हिंसा पर बयान को लेकर आई है जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व क्षेत्र में “काफी प्रगति” हुई है, और यह बिना शांति के संभव नहीं है. यह कहते हुए कि यह मुद्दा रणनीति की अपेक्षा मानवीय लिहाज से ज्यादा चिंता का विषय है, गार्सेटी ने कहा कि अगर मणिपुर में हालत से निपटने में अमेरिका से ‘किसी भी तरह से’ सहयोग की जरूरत हो तो वह तैयार है.
गार्सेटी ने बृहस्पतिवार को कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मणिपुर पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह रणनीतिक चिंता का मसला है. मेरा मानना है कि यह मानवीय चिंता का विषय है. मैं सोचता हूं कि हम सभी को, जब कोई बच्चा या व्यक्ति मरता है तो यह परवाह करने की जरूरत नहीं है कि हमें भारतीय होना जरूरी है. और हम जानते हैं कि बाकी कई सारी चीजों के लिए शांति पहली शर्त है.”
गार्सेटी ने यह भी कहा कि मणिपुर में हिंसा “भारतीय मसला” है और अमेरिका क्षेत्र में शांति के लिए प्रार्थना करता है क्योंकि अगर क्षेत्र में “शांति कायम हो तो यह ज्यादा सहयोग, ज्यादा प्रोजेक्ट्स और ज्यादा निवेश ला सकता है.”
अमेरिकी राजदूत ने कहा था, “पूर्व और उत्तर-पूर्व में काफी प्रगति हुई है. देश ने हाल के दिनों में कुछ उल्लेखनीय काम किए हैं, और जो कि शांति के बिना जारी नहीं रह सकती. इसलिए अगर हमसें कहा जाय तो हम किसी भी तरीके से सहयोग के लिए खड़े हैं और तत्पर है.”
इस बीच, तिवारी ने मणिपुर में संकट को हैंडल करने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि संसद में मुद्दे को उठाएंगे.
तिवारी ने कहा, “मणिपुर में जो भी हो रहा है वह दुखद है. पीएम मोदी को वहां जाना चाहिए था और काफी पहले बात करनी चाहिए थी. गृहमंत्री अमित शाह को जाना चाहिए था जब तक राज्य में स्थिति वापस सामान्य नहीं हो जाती. हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे.”
3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की रैली के बाद मणिपुर में जनजाति मैतेई और कुकी के बीच हिंसा पैदा गोई थी. इस झड़प की वजह से कई सारे लोगों को कैंपों ले जाना पड़ा, वहीं 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.
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