भोपाल : मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पेगासस जासूसी कांड को लोगों की निजता, प्रजातंत्र एवं भारतीय संविधान पर सबसे बड़ा हमला बताते हुए इस पूरे मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग बुधवार को की.
इसके अलावा, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकरस्पष्ट करे कि उसने इज़राइली स्पाईपवेयर पेगासस ना तो खरीदा है और नाहीं उसका लाइसेंस लिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा, ‘केन्द्र सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए की यह स्पाईवेयर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खरीदा गया या (प्रधानमंत्री) मोदी की सुरक्षा के लिए खरीदा गया था.’
उन्होंने कहा, ‘पेगासस जासूसी मामला लोगों की निजता, प्रजातंत्र एवं भारतीय संविधान पर सबसे बड़ा हमला है। यदि इस मामले की जांच कराएं तो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से करवाएं. (इस जांच के लिए लिए) न्यायाधीश की नियुक्ति विपक्षी दलों की सहमति से होनी चाहिए.’
कमलनाथ ने बताया कि इस पेगासस जासूसी मामले की फ्रांस ने जांच शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि मीडिया घरानों के वैश्विक संघ की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद विवाद पैदा गया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत सहित कई देशों में कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, न्यायाधीशों और पत्रकारों की संभावित जासूसी के लिए इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया है.
विपक्ष जहां इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए है, वहीं सरकार ने पूरे मामले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.