चंडीगढ़, पांच मई (भाषा) पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने केंद्र और राज्य की पिछली कांग्रेस सरकारों पर जल बंटवारे में ‘गलतियां’ करने का आरोप लगाया और उनसे इस बाबत माफी मांगने के लिए कहा।
ऐतिहासिक संदर्भों और आंकड़ों का हवाला देते हुए कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने कहा कि राज्य के जल संसाधनों को व्यवस्थित रूप से “लूटा” गया।
उन्होंने कहा कि 1980 के दशक में जब कांग्रेस केंद्र और पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान में सत्ता में थी, तब वह “पंजाब के जल अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही और इसके बजाय केंद्र के सामने झुक गई।”
सोंद ने नांगल बांध और ‘हरिके हेडवर्क्स’ बनाने के लिए भी कांग्रेस सरकारों को दोषी ठहराया और दावा किया कि नदी संबंधी कानूनों का पालन नहीं किया गया।
उन्होंने दावा किया कि 1955 में रावी-ब्यास समझौते पर पंजाब सरकार की सहमति के बिना हस्ताक्षर किए गए थे।
‘आप’ विधायक गुरप्रीत सिंह बनवाली ने भी पंजाब के साथ किए गए ‘अन्याय’ के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों को जिम्मेदार ठहराया और उनसे माफी मांगने को कहा।
विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मांग पर आपत्ति करते हुए कहा कि कीचछ़ नहीं उछाला जाना चाहिए।
भाषा पारुल राजकुमार
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