नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने मंगलवार को कहा कि कुछ समुदायों की चिंताओं को दूर करने के लिए कर्नाटक में जातिगत आंकड़ों को फिर से एकत्र करने का फैसला किया गया है।
कुछ समुदायों ने 10 साल पहले किए गए जातिगत सर्वेक्षण से बाहर रखे जाने जाने की शिकायत की थी।
यह निर्णय पार्टी की एक उच्च-स्तरीय बैठक में लिया गया, जिसमें बेंगलुरु भगदड़ और इस पर सरकार के कदमों को लेकर भी चर्चा की गई। बीते चार जून को मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी।
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार उपस्थित थे।
इस बैठक में जातिगत सर्वेक्षण का मुद्दा प्रमुखता से उठा।
बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘जातिगत गणना पर चर्चा हुई। कांग्रेस पार्टी सोच रही है कि कर्नाटक सरकार ने जातिगत गणना में जो कुछ भी किया है, उस पर सैद्धांतिक रूप से सहमति होनी चाहिए। लेकिन जाति की गिनती को लेकर कुछ वर्गों और समुदायों में कुछ आशंकाएं हैं।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक दशक पहले जातिगत गणना कराई थी और यह आंकड़ा अब पुराना हो चुका है।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री को एक निर्धारित समय, जैसे 60-80 दिनों के भीतर पुन: गणना प्रक्रिया करने का सुझाव दिया है। हमने बैठक में जाति गणना के बारे में यही निर्णय लिया है।’’
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हक दिलीप
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