पणजी, 21 जनवरी (भाषा) शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस की इस बात से इत्तफाक रखते हैं कि अगर गोवा में भाजपा चुनाव जीतकर एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब रहती है तो इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार होगी।
राउत ने दावा किया कि शिवसेना ने कांग्रेस के सामने गोवा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के साथ मिलकर चुनाव पूर्व गठबंधन बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन पार्टी ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
राउत गोवा में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए शिवसेना की नौ उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के बाद संवाददाताओं से मुखातिब हुए थे। गोवा में शिवसेना शरद पवार की एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।
इससे पहले, तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अगर कांग्रेस गोवा में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने में नाकाम रहती है तो पार्टी के राज्य प्रभारी पी चिदंबरम को हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।
बनर्जी ने दावा किया कि तृणमूल ने चुनाव पूर्व गठबंधन के आधिकारिक प्रस्ताव के साथ चिदंबरम का रुख किया था, लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हुआ।
राउत ने शुक्रवार को कहा, ‘मैं अभिषेक बनर्जी की बात से सहमत हूं। हमने भी कांग्रेस के साथ वार्ता की कोशिश की थी। हमने पार्टी नेता दिनेश गुंडु राव, दिगंबर कामत और गिरीश चोडंकर को प्रस्ताव दिया था कि कांग्रेस, एनसीपी, जीएफपी व शिवसेना को गोवा चुनाव के लिए साथ आना चाहिए।’
शिवसेना नेता ने हालांकि यह भी कहा कि चिदंबरम को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि वह सिर्फ पार्टी आलाकमान की ओर से लिए गए फैसलों पर अमल कर रहे थे।
राउत ने कहा, ‘गठबंधन के तहत शिवसेना ने कांग्रेस को गोवा की 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था। जबकि, बाकी दस सीटें अन्य घटकों में बंट जातीं। ये वो दस सीटें थीं, जिन पर कांग्रेस को कभी जीत नसीब नहीं हुई है।’
शिवसेना नेता ने दावा किया कि कांग्रेस ने गठबंधन के प्रस्ताव में दिलचस्पी नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि पार्टी को अपने फैसले का मूल्यांकन करना चाहिए।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘हमारी पार्टी की छवि बेहद साफ है। शिवसेना इस बार के गोवा विधानसभा चुनावों में इतिहास रचेगी।’
राउत ने यह भी कहा कि अगर गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हैं तो शिवसेना उनका समर्थन करने के लिए तैयार है। उत्पल ने गोवा की पणजी सीट से चुनाव मैदान में उतरने में इच्छा जताई थी, लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था।
भाषा पारुल नरेश
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