नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सांख्यिकी संबंधी स्थायी समिति को कथित तौर पर भंग किए जाने को लेकर रविवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इसके सदस्य बार-बार सवाल कर रहे थे कि 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना अभी तक क्यों नहीं कराई गई है।
इस संबंध में एक समाचारपत्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने ‘‘प्रख्यात अर्थशास्त्री और देश के पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रणब सेन की अध्यक्षता वाली सांख्यिकी संबंधी 14-सदस्यीय स्थायी समिति (एससीओएस) को चुपचाप भंग कर दिया है, क्योंकि इसके सदस्यों ने जनगणना कराने में देरी पर कथित तौर पर सवाल उठाया था।’’
कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा, ‘‘और किसलिए? सरकार से बार-बार सिर्फ यह पूछने के लिए कि 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना अभी तक क्यों नहीं कराई गई। इस देरी के कारण कम से कम 10 करोड़ भारतीय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013/प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राशन लाभ समेत अन्य कई लाभों से वंचित हैं।’’
रमेश द्वारा ‘एक्स’ पर साझा की गई रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की महानिदेशक गीता सिंह राठौर द्वारा सदस्यों को भेजे गए ईमेल में कहा गया है कि समिति को ‘भंग’ करने का कारण यह है कि इसका कार्य हाल में गठित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षणों के लिए संचालन समिति के कार्य से मेल खाता था।
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
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