तिरुवनंतपुरम (केरल) : कांग्रेस के दिग्गज नेता, पूर्व रक्षामंत्री ने एके एंटनी ने बेटे अनिल एंटनी के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ज्वाइन करने पर कहा कि उनके बेटे ने गलत कदम उठाया है, उन्होंने कहा कि इस फैसले ने उन्हें पीड़ा पहुंचाई है.
एके एंटनी, जिन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता है, यहां उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘मैं अपने बेटे अनिल के बीजेपी ज्वाइन करने के फैसले से पीड़ा में हूं. मैं दृढ़ता से महसूस करता हूं कि यह बहुत ही गलत फैसला है. भारत का आधार एकता और धार्मिक सद्वभाव है. 2024 के बाद, मोदी सरकार ने सत्ता में आई, वे व्यवस्थित तरीके से देश की विविधता और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर कर रहे हैं.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भारत के संवैधानिक चरित्र को नष्ट कर रहे. उन्होंने कहा कि वह आखिरी सांस तक कांग्रेस के कार्यकर्ता रहेंगे.
कांग्रेस के दिग्गज ने कहा, ‘बीजेपी एकरूपता में विश्वास रखती है. अपनी आखिरी सांस तक मैं, आरएसएस और बीजेपी की गलत नीतियों का विरोध करूंगा. वे देश के संवैधानिक मूल्यों को नष्ट कर रहे हैं. मैं एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में मरूंगा. मैं 82 साल का हूं. मुझे नहीं पता कि मैं कितने दिन तक जीवित रहूंगा.’
कांग्रेस को झटका देते हुए, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने गुरुवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए.
अनिल एंटनी ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और वी मुरलीधरन की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए. केरल के बीजेपी चीफ के सुरेंद्रन और सीनियर पार्टी नेता तरुण चुघ व अनिल बलूनी भी इस अवसर पर मौजूद रहे.
अनिल एंटनी ने बीजेपी में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.
बीजेपी को ज्वाइन करने के बाद, अनिल एंटनी वी मुरलीधरन के साथ पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले.
यह घटनाक्रम महीनों बाद तब सामने आया है जब केरल कांग्रेस के सोशल मीडिया टीम के समन्वयक अनिल एंटनी ने 2002 गुजरात दंगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आई बीबीसी की डॉक्युमेंट्री के विवाद के बाद केरल कांग्रेस प्रदेश कमेटी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डॉक्युमेंट्री की कड़ी आलोचना थी, जो कि साफतौर से पार्टी लाइन के खिलाफ था.
अनिल एंटनी ने बीबीसी को भारत के खिलाफ ‘पूर्वाग्रहों के लंबे इतिहास वाला एक स्टेट-प्रायोजित चैनल’ करार दिया था.
एंटनी ने ट्वीट किया था, ‘बीजेपी के साथ बड़े मतभेदों की बवाजूद, मुझे लगता है कि भारत में जो लोग बीबीसी के विचार को रख रहे हैं, ब्रिटेन का एक राज्य-प्रायोजित चैनल, जिसका पूर्वाग्रहों का लंबा इतिहास रहा है, और जैक स्ट्रॉ, इराक युद्ध के पीछे का दिमाग, भारतीय संस्थानों पर एक खतरनाक श्रेष्ठता कायम कर रहा है, जो हमारी संप्रभुता को कमजोर कर देगा.’
उन्होंने तब आरोप लगाया था कि उन्हें तब ‘रातभर’ धमकी भरे कॉल और नफरत भरे संदेश मिले थे. ट्विटर पर अपने इस्तीफे को लेकर पोस्ट करते हुए एंटनी ने यह कहते हुए कांग्रेस पार्टी का मजाक उड़ाया था कि उन्हें ‘बोलने की आज़ादी की लड़ई वाले’ की तरफ से ट्वीट को वापस लेने के लिए कठोर फोन कॉल आए थे.’
अनिल के एंटनी ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैंने @incindia, @INCKerala में अपनी भूमिका से इस्तीफा दे दिया है. बोलने की आज़ादी के लिए लड़ने वालों द्वारा ट्वीट को वापस लेने के लिए कड़वे कॉल्स आए! इसी का नाम पाखंड हैं! जिंदगी चलती रहती है.’
यह घटनाक्रम 2024 लोकसभा चुनाव के एक साल पहले सामने आया है.
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