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सोमवार, 21 अप्रैल, 2025
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कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड अखबार को बचाने के लिए ऋण को ‘इक्विटी’ में बदलने का फॉर्मूला अपनाया: खेड़ा

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मुंबई, 21 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को कहा कि पार्टी ने स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीक नेशनल हेराल्ड अखबार को बचाने के लिए ऋण को ‘इक्विटी’ में बदलने के फॉर्मूले का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया। उन्होंने धनशोधन के आरोपों को खारिज किया।

उन्होंने आरोप लगाया, “जिस तरह अंग्रेजों ने नेशनल हेराल्ड जैसी स्वतंत्रता आंदोलन की आवाज को निशाना बनाया और उसके खिलाफ साजिश रची, उसी तरह भाजपा अब स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत को नष्ट करना चाहती है।”

खेड़ा ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के राष्ट्रीय नायकों की विरासत को कांग्रेस नष्ट नहीं होने देगी।

नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित अन्य का नाम शामिल किए जाने के बाद कांग्रेस नेता विभिन्न शहरों में संवाददाता सम्मेलन कर रहे हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि ईडी ने कहा है कि कांग्रेस नेताओं द्वारा सार्वजनिक कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति “हड़पने” के लिए “आपराधिक साजिश” की गई थी, जिसके तहत उन्होंने 99 प्रतिशत शेयर मात्र 50 लाख रुपये में अपनी निजी कंपनी यंग इंडियन को हस्तांतरित कर दिए, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी बहुसंख्य शेयरधारक हैं।

खेड़ा ने दावा किया कि यंग इंडियन ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) का अधिग्रहण नहीं किया, जिसके पास स्वतंत्र रूप से उसकी सभी संपत्तियों, प्रकाशनों और परिचालनों का स्वामित्व और प्रबंधन है।

उन्होंने कहा कि यंग इंडियन तभी शेयरधारक बनी जब ऋण-से-इक्विटी रूपांतरण को एजेएल के शेयरधारकों द्वारा सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “इसके शेयरधारक – सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत मोतीलाल वोरा और दिवंगत ऑस्कर फर्नांडीस – लाभ, लाभांश, वेतन या शेयर बेचकर एक पैसा भी नहीं ले सकते और न ही उन्होंने लिया है।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सारा किराया, संपत्ति और आय एजेएल की है, यंग इंडियन या उसके शेयरधारकों की नहीं। कंपनी के आदेशानुसार, इस आय का उपयोग एजेएल के समाचारपत्रों और मीडिया परिचालनों के लिए किया जा रहा है।

खेड़ा ने कहा, “आयकर विभाग ने एजेएल की संपत्तियों का मूल्यांकन 413 करोड़ रुपये किया है, न कि 5,000 करोड़ रुपये, जैसा कि आरोप लगाया गया है। एजेएल की छह संपत्तियों में से पांच पट्टे पर हैं और लखनऊ में छठी संपत्ति फ्रीहोल्ड है।”

उन्होंने कहा, “इसमें एक भी लेन-देन नहीं हुआ है। संपत्तियों का उपयोग केवल नेशनल हेराल्ड के मीडिया संचालन के लिए किया जाता है। नेशनल हेराल्ड के प्रति जवाहरलाल नेहरू की प्रतिबद्धता इतनी अधिक थी कि उन्होंने कहा था कि वे अपना घर, आनंद भवन बेच देंगे, लेकिन नेशनल हेराल्ड को बंद नहीं होने देंगे।”

खेड़ा ने दावा किया कि कांग्रेस द्वारा एजेएल को दिया गया 90 करोड़ रुपये का ऋण नेशनल हेराल्ड को बचाने के लिए था, क्योंकि यह स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक था।

उन्होंने कहा, “ऋण को इक्विटी में बदलना बीमार और दिवालिया कंपनियों को पुनर्जीवित करने का एक सफल फार्मूला था, और कांग्रेस ने अखबार को बचाने के लिए बस यही किया।”

खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तथ्यों से डरने का आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया, “ईडी ने हमारे नेताओं के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने में 365 दिन क्यों लगाए? निर्वाचन आयोग ने 2012 में कांग्रेस नेताओं द्वारा कुछ गलत करने संबंधी शिकायत खारिज कर दी थी।”

खेड़ा ने आरोप लगाया, “अगस्त 2015 में मामला ईडी को सौंप दिया गया और एजेंसी ने फाइल बंद कर दी। मोदी सरकार ने सितंबर 2015 में तत्कालीन ईडी निदेशक राजन कटोच को हटा दिया, जो राजनीतिक प्रतिशोध का स्पष्ट उदाहरण था।”

उन्होंने दावा किया कि 2021 तक ईडी भाजपा की प्रत्यक्ष राजनीतिक जबरन उगाही मशीन बन गई।

उन्होंने कहा, “जब सुब्रमण्यम स्वामी प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह की आलोचना करने लगे तो केंद्र ने ईडी के माध्यम से अपना मामला दर्ज कराया।”

खेड़ा ने कहा, “सत्ता में 11 साल रहने के बाद, मोदी सरकार ने 2015 से मामले की जांच करने के बावजूद आरोपपत्र दायर करने के लिए अंतिम संभावित दिन (9 अप्रैल, 2025) तक इंतजार किया। आरोप पत्र अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। अगर असली सबूत होते तो वे इतने लंबे समय तक देरी नहीं करते। इन आरोपों पर न तो कोई समन जारी किया गया है और न ही अदालत ने संज्ञान लिया है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड मामला कांग्रेस को चुप कराने के लिए राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है और भाजपा सरकार ने विपक्ष के नेताओं को डराने-धमकाने और बदला लेने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को हथियार बना लिया है।

भाषा

प्रशांत नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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