नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने 12 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच मंगलवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग (ईसी) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए काम कर रहा है तथा लक्षित तरीके से लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में एसआईआर के विषय पर दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली का आयोजन करेगी।
पार्टी मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में खरगे ने उन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रभारियों, राज्य इकाई प्रमुखों, कांग्रेस विधायक दल के नेताओं और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की, जहां मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद जारी है।
इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रभारियों, प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुखों के साथ साथ कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता तथा सचिव भी शामिल हुए।
यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब कांग्रेस को हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है और उसने कथित वोट चोरी के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है।
बैठक के बाद खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमने उन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के एआईसीसी महासचिवों, एआईसीसी प्रभारियों, पीसीसी, सीएलपी और एआईसीसी सचिवों के साथ एक व्यापक रणनीतिक समीक्षा की, जहां विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया जारी है।’’
उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी मतदाता सूची की शुचिता की रक्षा के लिए स्पष्ट रूप से प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास पहले से ही कम हो रहा है, एसआईआर प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन आयोग का आचरण बेहद निराशाजनक रहा है। आयोग को साबित करना होगा कि वह भाजपा की छाया में काम नहीं कर रहा है और उसे अपनी संवैधानिक शपथ और भारत के लोगों के प्रति निष्ठा याद है, किसी सत्तारूढ़ दल के प्रति नहीं।’’
खरगे ने कहा, ‘‘हमारा दृढ़ विश्वास है कि भाजपा वोट चोरी के लिए एसआईआर प्रक्रिया को हथियार बनाने का प्रयास कर रही है। यदि निर्वाचन आयोग इसे नजरअंदाज करता है, तो वह विफलता सिर्फ प्रशासनिक नहीं है। वह संलिप्तता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमारे कार्यकर्ता, बीएलओ और जिला/शहर/ब्लॉक अध्यक्ष लगातार सतर्क रहेंगे। हम वास्तविक मतदाताओं को हटाने या फर्जी मतदाताओं को शामिल करने के हर प्रयास का पर्दाफाश करेंगे, चाहे वह कितना भी सूक्ष्म क्यों न हो।’’
खरगे ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी संस्थानों के पक्षपातपूर्ण दुरुपयोग से लोकतांत्रिक सुरक्षा उपायों को नष्ट नहीं होने देगी।
बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस की प्रदेश इकाइयों में आम धारणा यह है कि निर्वाचन आयोग जानबूझकर समाज के कुछ वर्गों के वोट खत्म करने की कोशिश कर रहा है। एसआईआर प्रक्रिया का मूल उद्देश्य कुछ को लक्षित करके उनके नाम मतदाता सूची से हटाना है। हमने बिहार में भी ऐसा देखा है और अब वे इसे 12 राज्यों में लागू करने की योजना बना रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि आयोग ने सोमवार को असम के लिए एक अलग विशेष पुनरीक्षण (एसआर) की घोषणा की, जिसमें बीएलए की कोई भूमिका नहीं होगी।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह चुनाव आयोग द्वारा इस देश में लोकतंत्र को कमजोर करने का एक कुत्सित प्रयास है। उसका कदम अनैतिक और अलोकतांत्रिक है।’’
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘केरल विधानसभा ने एसआईआर प्रक्रिया को स्थगित करने का प्रस्ताव पारित किया। यहां तक कि केरल के मुख्य चुनाव अधिकारी ने भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त से अनुरोध किया कि राज्य में एसआईआर करने का यह सही समय नहीं है। भाजपा को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों ने यही मांग की, लेकिन चुनाव आयोग ने एक न सुनी।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्पष्ट है कि आयोग भाजपा और नरेन्द्र मोदी के लिए काम कर रहा है।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘आज मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस समिति) को चुनाव आयोग के इस कुत्सित प्रयास के बारे में सचेत किया। हम इन चीजों के खिलाफ लड़ने जा रहे हैं। चुनाव आयोग का मकसद लोकतंत्र और विपक्षी दलों को खत्म करना है। दिसंबर के पहले सप्ताह में, कांग्रेस इस मुद्दे (एसआईआर) पर रामलीला मैदान में एक विशाल रैली करेगी तथा निर्वाचन आयोग को बेनकाब करेगी।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मतदाता सूचियों का शुद्धिकरण एक अनिवार्य उद्देश्य है, लेकिन इसे पूरी ईमानदारी से किया जाना चाहिए। अब तक निर्वाचन आयोग का आचरण निष्पक्षता के अपने संवैधानिक दायित्व को दरकिनार करते हुए भाजपा के वोट चोरी के एजेंडे को आगे बढ़ाने का रहा है।’’
उनका कहना है, ‘‘हम मतदाता सूचियों में अनुचित तरीके से नाम हटाने या फर्जी मतदाताओं को शामिल करके भाजपा को अपनी नापाक गतिविधियों को अंजाम देने का मौका देने के उनके प्रयासों के खिलाफ लगातार लड़ेंगे।’’
वेणुगोपाल ने दावा किया, ‘‘हमारा लोकतंत्र दांव पर है और हम हर उस प्रयास का विरोध करेंगे जो हमारे संवैधानिक ढांचे को खतरा पहुंचाता है।’’
निर्वाचन आयोग ने सोमवार को बताया था कि नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 51 करोड़ मतदाताओं में से 50 करोड़ से ज़्यादा मतदाताओं को मतदाता सूची की चल रही एसआईआर प्रकिया के तहत गणना प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं।
अपने दैनिक एसआईआर बुलेटिन में आयोग ने कहा था कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 50.11 करोड़ गणना प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं। दूसरे शब्दों में, 50.99 करोड़ मतदाताओं में से 98.32 प्रतिशत को आंशिक रूप से भरे हुए प्रपत्र प्राप्त हुए हैं।
जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर की कवायद जारी है, वह छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप हैं।
इनमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
असम में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। आयोग ने पूर्वोत्तर के इस राज्य के लिए ‘‘विशेष पुनरीक्षण’’ की घोषणा की है।
भाषा हक हक माधव
माधव
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