मिर्जापुर (उप्र), चार अक्टूबर (भाषा) भारतीय शास्त्रीय गायक पद्म विभूषण छन्नूलाल मिश्रा के निधन पर शनिवार को मिर्जापुर के बूढ़ेनाथ मंदिर में शोक सभा आयोजित की गई।
इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा।
इस अवसर पर मंदिर के महंत योगानंद गिरि ने कहा कि संगीतज्ञ पिता पं. बद्री प्रसाद मिश्रा के घर जन्मे छन्नूलाल ने तीन वर्ष की आयु में अपने पिता से संगीत सीखना शुरू किया। फिर नौ वर्ष की आयु में वह वाराणसी चले गए और किराना घराने के उस्ताद अब्दुल गनी खां से संगीत की बारीकियां सीखीं।
पद्मश्री से सम्मानित कजरी गायिका उर्मिला श्रीवास्तव ने कहा कि छन्नूलाल जी किराना और बनारस घराने के प्रतिनिधि थे और इसके लिए उन्होंने वाराणसी को अपनी कर्मभूमि बनाया, हालांकि उनका जन्म आजमगढ़ के हरिहरपुर गांव में हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘छन्नूलाल जी के निधन से पूरा मिर्ज़ापुर दुखी है।’’
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दिग्गज संगीतकारों में से एक, पंडित छन्नूलाल मिश्रा का दो अक्टूबर को मिर्जापुर में निधन हो गया था। वह 89 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार वाराणसी में हुआ।
भाषा सं आनन्द शफीक
शफीक
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