(तस्वीर के साथ)
पुणे (महाराष्ट्र), आठ फरवरी (भाषा) केंद्र से पुणे-नासिक हाईस्पीड रेल परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बीच यहां जायंट मेट्रेवेव रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) ने पर्यवेक्षण एंटिना के समीप इस मार्ग पर ट्रेनों की निरंतर आवाजाही से इस वैज्ञानिक केंद्र के कामकाज में रुकावट आने की आशंका को लेकर चिंता व्यक्त की है।
जब इस संबंध में महाराष्ट्र रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कोरपोरेशन (महारेल) के एक वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि जरूरी एहतियात बरती जाएगी तथा सारे मुद्दों को हल किया जाएगा।
जीएमआरटी 150-1420 हर्त्ज का परिचालन करता है और यह पुणे से करीब 80 किलोमीटर दूर खोडाड में है। उसमें 45 मीटर व्यास के 30 एंटिना लगे हैं और उसका संचालन टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान के राष्ट्रीय रेडियो खगौल भौतिकी केंद्र (एनसीआरए) द्वारा किया जाता है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा था कि रेल मंत्रालय ने पुणे -नासिक हाईस्पीड रेल परियोजना को ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दे दी है जिससे इन दोनों शहरों के औद्योगिक क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा मिलेगा और उनके बीच बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित होगी।
जीएमआरटी के सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि इस हाईस्पीड रेल परियोजना के लिए जो मार्ग चुना गया है, वह नारायणगांव से गुजरता है और यह इस केंद्र के एंटिना के 15 किलोमीटर के दायरे में है और कुछ एंटिना के तो बेहद करीब है।
उन्होंने कहा कि एक एंटिना से तो इस रेल परियोजना का मार्ग एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर है।
सूत्र ने कहा, ‘‘ पूरा मार्ग इस कारण से (जीएमआरटी संचालन) बेहद खतरनाक होने जा रहा है क्योंकि जब उच्च रफ्तार वाली इलेक्ट्रिक ट्रेन गुजरती है तो उसका पैंटोग्राफ (ट्रेन को चलने के लिए विद्युत प्रवाह के वास्ते उसके ऊपर लगा यंत्र) उच्च क्षमता वाले तार को स्पर्श करता है और .. इस दौरान जो चिगारियां निकलती हैं वे अवांछनीय विकिरण छोड़ती हैं।’’
एनसीआरए निदेशक यशवंत गुप्ता ने कहा कि इस संबंध में रेल अधिकारियों के साथ इस केंद्र ने ‘बातचीत शुरू’ की है। उधर, महारेल के प्रबंध निदेशक राजेश कुमार जायसवाल ने कहा कि रेल अधिकारियों की जीएमआरटी अधिकारियों से बातचीत हुई है और जब रेल लाइन का वास्तविक कार्य शुरू होगा तो एहतियात बरती जाएगी एवं सभी मुद्दे हल किये जायेंगे।
भाषा राजकुमार नरेश
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