भुवनेश्वर, नौ फरवरी (भाषा) ओडिशा सरकार ने भ्रष्टाचार और अकुशलता के आरोप में पांच अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एक इंजीनियर, एक सीडीपीओ, एक आंगनवाड़ी सुपरवाइजर, एक पुलिस निरीक्षक और एक राजस्व सुपरवाइजर को मंगलवार को अनिवार्य सेवानिवृति दी गई। ओडिशा सरकार, 2019 से अब तक 146 दागी अधिकारियों को या तो बर्खास्त कर चुकी है या उन्हें अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया गया है।
हाल में भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय वन सेवा के दो अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। मयूरभंज जिले के बारीपदा में एकीकृत आदिवासी विकास एजेंसी (आइटीडीए) में सहायक इंजीनियर संतोष कुमार दास ने आय के ज्ञात स्रोत से 2.8 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित की थी। दास को गिरफ्तार कर एक अदालत में पेश किया जा चुका है। जगतसिंहपुर जिले के बालिकुडर ब्लॉक में सामुदायिक विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) सरला डे को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अनुसार डे के पास ढेर सारी चल और अचल संपत्ति है। जगतसिंहपुर के बालिकुडा में ही आंगनवाड़ी सुपरवाइजर प्रतिमा साहू को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था। उन्हें गिरफ्तार कर हिरासत में भेज दिया गया।
अंगुल पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज के निरीक्षक रामचंद्र बेहेरा को कदाचरण के आरोप में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई। राजस्व सुपरवाइजर हृदयानन्द साहू को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। साहू क्योंझर जिले के हेड तहसीलदार के कार्यालय में काम करता था।
भाषा यश शाहिद
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