नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने सोमवार को कहा कि करुणा दुनिया की नयी संस्कृति बनने जा रही है और युवा इसे आगे बढ़ाएंगे।
सत्यार्थी ने ‘लॉरिएट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रन’ के चौथे सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उनके कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन ने बच्चों के लिए अन्याय और अत्याचार रहित दयालु दुनिया बनाने के लिए मदद करने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा, ”आज मैं शोषण रहित, अन्याय रहित, अत्याचार रहित विश्व का सपना देखता हूँ। मैं एक समावेशी दुनिया का सपना देखता हूं। एक ऐसी दुनिया जहां हम साथ मिलकर काम करना सीखते हैं।
नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा, ‘‘मेरा सबसे ज्यादा भरोसा युवाओं पर है। करुणा दुनिया की नयी संस्कृति बनने जा रही है। मेरे युवा मित्र इसे आगे ले जाएंगे। इसलिए, आइए हम सब मिलकर इसके लिए मदद करें।’’
कार्यक्रम में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के पूर्व महानिदेशक आर ए माशेलकर, बाल अधिकार कार्यकर्ता सुमेधा कैलाश और कई अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
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