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सोमवार, 28 अप्रैल, 2025
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राष्ट्रमंडल खेल घोटाला: अदालत ने सुरेश कलमाडी के खिलाफ मामले में ईडी की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ स्वीकार की

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(उदयन किशोर)

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 13 वर्ष पुराने एक मामले का सोमवार को पटाक्षेप करते हुए 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के पूर्व प्रमुख सुरेश कलमाडी और तत्कालीन महासचिव ललित भनोट तथा अन्य के खिलाफ धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ स्वीकार कर ली।

रिपोर्ट को स्वीकार किए जाने से 15 वर्ष पहले हुए कथित घोटाले में धन शोधन का पहलू समाप्त हो गया है।

साल 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी) के आयोजन में भ्रष्टाचार के आरोपों से देश में भारी राजनीतिक हंगामा हुआ, जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान मामले सहित कई आपराधिक और धन शोधन के मामले दर्ज किए गए।

कलमाडी और अन्य पर खेलों के लिए दो महत्वपूर्ण अनुबंधों के आवंटन और निष्पादन में कदाचार का आरोप लगाया गया था।

विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा कि सीबीआई ने भ्रष्टाचार का मामला पहले ही बंद कर दिया है, जिसके आधार पर ईडी ने धन शोधन की जांच शुरू की थी और रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। इस मामले में राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के तत्कालीन सीओओ विजय कुमार गौतम, उसके तत्कालीन कोषाध्यक्ष ए के मट्टो, इवेंट नॉलेज सर्विस (ईकेएस), स्विट्जरलैंड और सीईओ क्रेग गॉर्डन मेलाचे का भी नाम शामिल था।

न्यायाधीश ने ईडी के इस कथन पर गौर किया कि उसकी जांच के दौरान धन शोधन का अपराध नहीं पाया गया।

न्यायाधीश ने कहा, “चूंकि जांच के दौरान अभियोजन पक्ष पीएमएलए की धारा 3 (धन शोधन) के तहत कोई मामला बनाने में विफल रहा है… ‘चूंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किये जाने के बावजूद पीएमएलए की धारा 3 के तहत कोई अपराध स्थापित नहीं हुआ है या किया गया है, इसलिए वर्तमान ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) को जारी रखने का कोई कारण नहीं है। परिणामस्वरूप, ईडी द्वारा दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार की जाती है,’

ईडी ने धन शोधन की जांच सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के आधार पर शुरू की थी।

सीबीआई के अनुसार, राष्ट्रमंडल खेलों से संबंधित कार्य अनुबंध गेम्स वर्कफोर्स सर्विस (जीडब्ल्यूएस) और गेम्स प्लानिंग, प्रोजेक्ट एंड रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज (जीपीपीआरएमएस) को दिए गए थे।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्तियों ने जानबूझकर और गलत तरीके से दो ठेके देकर ईकेएस और अर्न्स्ट एंड यंग के संघ को अनुचित आर्थिक लाभ पहुंचाया और राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन समिति को 30 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।

सीबीआई ने बाद में जनवरी 2014 में एक ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दायर की, जिसमें कहा गया कि “मामले की जांच के दौरान कोई भी सबूत सामने नहीं आया” और प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों को आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ प्रमाणित नहीं किया जा सका।

भाषा प्रशांत दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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