नई दिल्ली : बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स का आगाज हो चुका का है. इस बार 72 देशों के करीब 5 हजार से भी ज्यादा खिलाड़ी इसमें हिस्सा ले रहे हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स में 15 स्थानों पर 19 खेलों के 280 इवेंट्स में खिलाड़ी हिस्सा लेंगे.
पीवी सिंधु,लक्ष्य सेन ,किदाम्बी श्रीकांत,अमित ,निखत ज़रीन,लवलीना बोरगोहाईं,मीराबाई चानू,वेनश फोगाट, साक्षी मलिक,रवि कुमार दाहिया और बजरंग पुनिया जैसे खिलाडियों से भारत को बहुत उम्मीदें हैं.
इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में क्रिकेट की एंट्री भी हो रही है. पहला मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जा रहा है. पहले मैच में हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को इस मुकाबले में हराना चाहेगी. भारत ने ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 155 रनों का टारगेट दिया है. पहले बैटिंग करने उतरी भारतीय टीम ने आठ विकेट पर 154 रनों का स्कोर खड़ा किया है.
वहीं, कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले दिन भारत ने जीत के साथ खाता खोला, स्वीमर श्रीहरि नटराज सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया है.
लंबे गैप के बाद कॉमनवेल्थ गेम्स में क्रिकेट की एंट्री
कॉमनवेल्थ गेम्स के इवेंट में इस बार महिला क्रिकेट टी20 मुकाबले के शामिल किए जाने के बाद से इस का रोमांच और बढ़ गया है. 24 साल के लंबे गैप के बाद इस बार क्रिकेट की एंट्री भी हो रही है. इस बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम भी खेलती नजर आएगी. भारतीय महिला क्रिकेट टीम उन पांच टीमों में से एक है, जिसने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए क्वालीफाई किया है. कॉमनवेल्थ के इतिहास में ऐसा दूसरी बार होगा जब क्रिकेट भी देखने को मिलेगा. इससे पहले साल 1998 में कुआलालंपुर में पुरुषों का वनडे टूर्नामेंट शामिल किया गया था. कॉमनवेल्थ गेम्स में क्रिकेट का पहला मुक़ाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच है.
वर्ष 2010 से राष्ट्रमंडल खेल में भारत लगातार हर आयोजन में 200 से अधिक एथलीट के साथ भाग लेता रहा है. ब्रिटेन के बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के मैदान में भी बड़ी संख्या में भारतीय एथलीट नजर आएंगे. बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का आयोजन 28 जुलाई से 8 अगस्त तक होगा.
बर्मिंघम में खेले जाने वाले कामनवेल्थ गेम्स में भारत ने 37 सदस्यीय एथलेटिक्स टीम का नाम घोषित किया था. लेकिन, नीरज चोपड़ा और शॉट पुटर तजिंदरपाल सिंह के चोटिल होने के बाद उन्हें नाम वापस लेना पड़ा.
कामनवेल्थ गेम्स पदक विजेता अमित पंघल और मोहम्मद हुसामुद्दीन ने पांच बार के एशियाई पदक विजेता शिव थापा के साथ बर्मिंघम 2022 के लिए जगह बनाई है. वहीं, पैर में चोट के कारण मुक्केबाज़ मैरी कॉम क्वालीफाई नहीं कर सकीं.
अब तक कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का रेसलिंग, वेटलिफ्टिंग और बॉक्सिंग में मेडल लाने का रिकॉर्ड रहा है, भारतीय खिलाडियों को ज्यादातर मेडल इन इवेंट्स में मिले हैं. भारतीय पुरुष हॉकी टीम और बैडमिंटन में भी भारत को मेडल मिलने की उम्मीद है. भारत को ओलंपिक में गोल्ड दिलाने वाले जैवलीन थ्रोअर नीरज चोपड़ा से कॉमनवेल्थ खेलों से बाहर हो चुके हैं.
कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास
हर चार साल में कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजित किए जाते हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स ओलिंपिक और एशियन गेम्स के बाद तीसरा सबसे बड़ा स्पोर्ट्स इवेंट है. कनाडा के हैमिल्टन में 1930 में पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू हुआ था. हालांकि, भारत ने 1934 में पहली बार इस खेलों में भाग लिया था.
मेडल, कामनवेल्थ और भारत
ओलंपिक्स डॉट कॉम के मुताबिक़, 9 गोल्ड, चार सिल्वर और दो ब्रॉन्ज़ मैडल जीतने वाले पिस्टल शूटर निशानेबाज जसपाल राणा कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के सबसे सफल खिलाड़ी रहे हैं.
भारत ने 1934 से लेकर 2018 तक कुल 503 मेडल जीते हैं. जिसमें 181 गोल्ड, 173 सिल्वर और 149 ब्रॉन्ज़ शामिल है. भारत ने अपने 25 प्रतिशत से अधिक मेडल निशानेबाजी में जीते हैं. वर्ष 2010 में हुए 19वें कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन भारत में हुआ था. भारत ने इसमें 38 गोल्ड, 27 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था.
2010 में ऑस्ट्रेलिया ने 74 गोल्ड सहित कुल 180 मेडल के साथ पहले स्थान पर कब्ज़ा किया था. अगर इवेंट्स की बात करें तो भारत को सबसे ज़्यादा मेडल शूटिंग में मिले हैं. भारोत्तोलन, कुश्ती, बॉक्सिंग और बैडमिंटन में भी काफी मेडल मिले हैं.
2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे स्थान पर था, भारत को कुल 66 मेडल मिले थे.
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