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बेंगलुरु, 25 मई (भाषा) आम लोगों को कर्नाटक की विधायिका को दिखाने के लिए लिए रविवार को एक कार्यक्रम की शुरुआत की गई। अपनी तरह की इस अनूठी पहल के तहत लोग विधानसौध का भीतर से दीदार कर सकेंगे।
पर्यटन विभाग और कर्नाटक राज्य पर्यटन विकास निगम (केएसटीडीसी) द्वारा, कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय, कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (डीपीएआर) और विधानसौध सुरक्षा प्रभाग के समन्वय से की गई यह पहल एक जून से जनता के लिए शुरू होगी।
अधिकारियों ने बताया कि आम लोग प्रत्येक माह के दूसरे और चौथे शनिवार तथा सभी रविवार को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक (केएसटीडीसी की वेबसाइट पर सूचीबद्ध समय के अनुसार) विधानसौध का भीतर से दीदार कर सकेंगे।
सोलह वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए टिकट की प्रारंभिक कीमत 50 रुपये निर्धारित की गई है, जबकि 15 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों के लिए यह सुविधा मुफ्त होगी।
कार्यक्रम की शुरुआत के अवसर पर, विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर ने कहा, ‘‘विधानसौध को देखने का अवसर देना एक अनूठी पहल है, जिसे नागरिकों को कर्नाटक की लोकतांत्रिक विरासत की समृद्ध विरासत से परिचित कराने के लिए शुरू किया गया है। यह पहल पारदर्शिता, नागरिक सहभागिता और हमारे ऐतिहासिक आख्यान के संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं।’’
कर्नाटक के विधि एवं संसदीय कार्य, विधायी एवं पर्यटन मंत्री एच के पाटिल ने कहा, ‘‘विधानसौध हमारे राज्य की लोकतांत्रिक यात्रा की जीवंत कहानी है। इसके गलियारों को जनता के लिए खोलना पारदर्शिता, विरासत और नागरिक गौरव का उत्सव है।’’
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने इस कदम की आलोचना करते हुए दावा किया कि राज्य सरकार ‘‘वित्तीय संकट’’ का सामना कर रही है और अब विधानसौध में प्रवेश के लिए आगंतुकों से शुल्क वसूल रही है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री सिद्धरमैया गारंटी योजनाओं या विकास के लिए संसाधन जुटाने में असमर्थ हैं। विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए धन नहीं मिल रहा है, इसके परिणामस्वरूप सरकार इस तरह के फैसले ले रही है।’’
भाषा आशीष धीरज
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