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नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच शनिवार को कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए “सबसे बड़ा खतरा” है और देश आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों के खिलाफ “दृढ़ एवं निर्णायक” कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मोदी ने चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लॉरेन्को के साथ बातचीत के बाद यह टिप्पणी की। उन्होंने अफ्रीकी देश अंगोला के लिए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता की घोषणा भी की।
आतंकवाद से सख्ती से निपटने के संबंध में प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ नये दंडात्मक उपायों की घोषणा की है, जिनमें पड़ोसी देश से आयात पर पूर्ण पाबंदी, सभी डाक सेवाओं का निलंबन और भारतीय बंदरगाहों पर पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के प्रवेश पर रोक शामिल है।
मोदी ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा, “हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। मैं पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए राष्ट्रपति लौरेंको और अंगोला का आभार जताता हूं।”
उन्होंने कहा, “हम आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ दृढ़ एवं निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में अंगोला के समर्थन के लिए उसका आभार जताते हैं।”
बताया जा रहा है कि मोदी और लॉरेन्को के बीच बातचीत में पहलगाम आतंकवादी हमले का मुद्दा प्रमुखता से उठा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि वैश्विक समुदाय ने बड़े पैमाने पर आगे आकर भारतीय सरजमीं पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है।
जायसवाल ने कहा, “उन्होंने (वैश्विक समुदाय) भारत के प्रति एकजुटता और समर्थन की बहुत मजबूत भावना भी व्यक्त की है। वे इस घड़ी में भारत के लोगों के साथ खड़े हैं।”
भारत ने 22 अप्रैल के “पहलगाम हमले के तार सीमा पार से जुड़े होने” का जिक्र करते हुए इसमें शामिल लोगों को कड़ी सजा देने की प्रतिबद्धता जताई है।
मोदी और लॉरेन्को के बीच बातचीत के बाद भारत और अंगोला ने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जो आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों, कृषि तथा संस्कृति के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देंगे।
अंगोला के राष्ट्रपति एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बृहस्पतिवार को चार दिवसीय यात्रा पर दिल्ली आए थे।
मोदी ने कहा कि भारत अंगोला के तेल और गैस के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है तथा दोनों देशों ने द्विपक्षीय ऊर्जा साझेदारी का विस्तार करने का फैसला लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे अंगोला के सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए भारत की ओर से 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रक्षा ऋण सहायता की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।”
उन्होंने कहा, “रक्षा उपकरणों और प्रणालियों को अधिक सक्षम बनाने के लिए उनके नवीकरण एवं सुधार पर भी चर्चा हुई। हमें अंगोला के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षित करने में सहायता देने में खुशी होगी।”
मोदी ने यह भी कहा कि भारत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता को अंगोला के साथ साझा करेगा।
उन्होंने कहा, “आज हमने स्वास्थ्य देखभाल, हीरा प्रसंस्करण, उर्वरक और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में अपने संबंधों को और मजबूत करने का भी निर्णय लिया।”
मोदी ने कहा, “अंगोला में योग और बॉलीवुड की लोकप्रियता हमारे सांस्कृतिक संबंधों की मजबूती का प्रतीक है।”
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के अंगोला के फैसले का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि भारत ने अंगोला को अपनी अन्य पहलों-आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन, बिग कैट एलायंस और ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस-में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया है।
मोदी ने अंगोला को अफ्रीकी संघ की अध्यक्षता मिलने की बधाई दी।
उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 समूह की स्थाई सदस्यता मिली।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत और अफ्रीका के देशों ने औपनिवेशिक शासन के खिलाफ एक सुर में आवाज उठाई थी। उन्होंने एक-दूसरे को प्रेरित किया था। आज हम ‘ग्लोबल साउथ’ के हितों, आशाओं, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं की आवाज के रूप में एक साथ खड़े हैं।”
उन्होंने भारत और अफ्रीकी संघ के संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘हम प्रगति में साझेदार हैं, हम ‘ग्लोबल साउथ’ के आधार हैं।’’
‘ग्लोबल साउथ’ का अभिप्राय विकासशील और अल्प-विकसित देशों से है, जिनमें से अधिकतर दक्षिणी गोलार्ध में स्थित हैं।
भाषा पारुल माधव
माधव
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