(जीवन प्रकाश शर्मा)
नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) रेल सुरक्षा आयुक्त (दक्षिण मंडल) ए एम चौधरी ने रेल मंत्रालय को महत्वपूर्ण सुरक्षा कार्यों के लिए अनुबंध पर कर्मचारियों की भर्ती को लेकर आगाह किया है।
चौधरी ने ही 2024 में हुई मैसुरु-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस दुर्घटना को छेड़छाड़ का नतीजा बताया था।
उन्होंने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा, ‘‘महत्वपूर्ण सुरक्षा कार्यों और प्रणालियों के संचालन व रखरखाव के लिए अनुबंधित कर्मचारियों की नियुक्ति और उन्हें इन क्षेत्रों में कौशल विकसित करने की अनुमति पर प्राथमिकता के आधार पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।’’
रेल मंत्रालय ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में कहा कि नीति के अनुसार अनुबंधित कर्मचारी केवल गैर-महत्वपूर्ण कार्यों में, रेलवे कर्मचारियों के साथ या उनके पर्यवेक्षण में लगाए जाते हैं।
‘पीटीआई-भाषा’ ने बुधवार को अपनी खबर में बताया था कि रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच में यह पता चलता है कि बदमाशों ने ‘ट्रैक इंटरलॉकिंग’ प्रणाली के घटकों को जबरदस्ती हटा दिया था, जिससे मैसुरु-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस दुर्घटना हुई थी।
चौधरी ने यह भी कहा कि बागमती एक्सप्रेस और खड़ी मालगाड़ी के बीच टक्कर किसी उपकरण/संपत्ति की स्वचालित/अचानक विफलता के कारण नहीं हुई थी बल्कि बदमाशों के ‘ट्रैक इंटरलॉकिंग’ प्रणाली में छेड़छाड़ के कारण हुई थी।
गौरतलब है कि 11 अक्टूबर 2024 को मैसुरु-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस (12578) रात करीब 8:30 बजे तमिलनाडु के चेन्नई रेल मंडल स्थित कवारैपट्टई रेलवे स्टेशन पर एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिसमें नौ यात्रियों को चोटें आई थीं।
महत्वपूर्ण सुरक्षा कार्यों में अनुबंधित कर्मचारियों को न लगाने की सीआरएस की सिफारिश ने वही चिंता दोहराई है जिसे ‘इंडियन रेलवे सिग्नल एंड टेलिकॉम मेंटेनर्स यूनियन’ (आईआरएसटीएमयू) पहले ही उठा चुकी थी। दरअसल, रेल मंत्रालय ने कुछ गैर-महत्वपूर्ण गतिविधियों के निष्पादन हेतु अनुबंधित आधार पर सिग्नलिंग और टेलिकॉम स्टाफ की भर्ती के लिए छह मई को एक परिपत्र जारी किया था।
आईआरएसटीएमयू महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश ने तीन जून को रेल मंत्री को एक पत्र लिखकर मांग की थी कि खाली पदों को संविदा नहीं, बल्कि स्थायी कर्मचारियों से भरा जाए, क्योंकि सिग्नलिंग एवं टेलिकॉम विभाग सीधे तौर पर रेलवे और यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
प्रकाश ने कहा कि सीआरएस की सिफारिश यात्रियों की सुरक्षा के हित में है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि रेल मंत्रालय ने हमारी मांग पर स्थायी भर्ती की घोषणा की, लेकिन संविदा आधार पर प्रायोगिक परियोजना अब भी चल रही है।’’
भाषा गोला शोभना
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