बेंगलुरु, 30 जून (भाषा) कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा राज्य में मुख्यमंत्री बदलने के संकेत देने वाले बयानों को सोमवार को निजी राय करार दिया और कहा कि किसी को भी पार्टी द्वारा खींची गई ‘लक्ष्मण रेखा’ नहीं लांघनी चाहिए।
पत्रकारों से बात करते हुए वह पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा हाल ही में की गई टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसके कारण इस वर्ष के अंत में कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें लगाई जाने लगीं।
कांग्रेस विधायक एच ए इकबाल हुसैन ने दावा किया है कि उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को अगले दो से तीन महीनों के अंदर राज्य का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है। वहीं, सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने सितंबर के बाद राज्य में ‘‘क्रांतिकारी’’ राजनीतिक घटनाक्रम का हाल में संकेत दिया था।
नेतृत्व परिवर्तन पर पार्टी नेताओं के बयानों के बारे में पूछने पर परमेश्वर ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से, उन लोगों ने अपनी राय व्यक्त की है, कुछ हद तक मुझे नहीं लगता कि यह गलत है, लेकिन फिर भी पार्टी ने एक लक्ष्मण रेखा खींची है, जिसके आगे किसी को नहीं जाना चाहिए। कांग्रेस संभवत: प्रभारी महासचिव के माध्यम से इस पर विचार करेगी।’’
पिछले कुछ समय से राजनीतिक हलकों में, खास तौर पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर, इस साल के अंत में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसमें सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता-साझेदारी समझौते (जो सार्वजनिक नहीं किया गया था) का हवाला दिया गया है। लेकिन, पार्टी आलाकमान के सख्त निर्देशों के बाद कुछ समय के लिए ऐसी चर्चाएं थम गई थीं।
इस बीच, कर्नाटक के लिये कांग्रेस के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला राज्य का दौरा कर रहे हैं और वह पार्टी के विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें करेंगे।
इस पर एक सवाल पर गृह मंत्री ने कहा, ‘‘सुरजेवाला जी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के हमारे प्रभारी महासचिव हैं, वह विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए कर्नाटक का दौरा करते रहते हैं। जरूरी नहीं कि वे सरकार के मुद्दे ही हों। राजनीतिक रूप से, पार्टी को मजबूत करने, पार्टी कार्यक्रमों को लेकर, और स्वाभाविक रूप से अगर पार्टी या सरकार में कोई गड़बड़ी होती है, तो एक प्रभारी महासचिव के रूप में वह हमारा मार्गदर्शन करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि साथ ही पिछले कुछ सप्ताहों में कुछ विधायकों ने टिप्पणियां की हैं और वह उन पर भी विचार करेंगे।
परमेश्वर कांग्रेस के भीतर असंतोष का जिक्र कर रहे थे, जहां कुछ विधायक अपनी ही पार्टी की सरकार के कामकाज के खिलाफ खुलेआम टिप्पणियां कर रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले द्वारा संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों की समीक्षा करने के आह्वान के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में परमेश्वर ने कहा कि आरएसएस और भाजपा ने स्पष्ट कारणों से आपातकाल के मुद्दे को उठाया है, यह एक राजनीतिक निर्णय है और कांग्रेस इससे निपट लेगी।
भाषा
गोला दिलीप
दिलीप
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