नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता में उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के पद पर नियुक्ति के लिए केंद्र को आठ नामों की सिफारिश की है. इनमें कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल का भी नाम है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
भरोसेमंद सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बृहस्पतिवार और शुक्रवार को कॉलेजियम की सघन बैठक में त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी सहित पांच मुख्य न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के 28 अन्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिशें की गईं.
कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बिंदल हाल में पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस के बीच राजनीतिक गतिरोध से संबंधित मामलों में अपने प्रशासनिक और न्यायिक निर्णयों के कारण चर्चा में रहे हैं.
देश के उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों में से एक न्यायमूर्ति कुरैशी को मूल रूप से गुजरात उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति नहीं होने के कारण वह चर्चा में रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने इलाहाबाद, कलकत्ता, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, मेघालय, गुजरात और मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश करने का फैसला किया है. प्रधान न्यायाधीश के अलावा, उच्च न्यायालयों में नियुक्ति से संबंधित तीन सदस्यीय कॉलेजियम में न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर शामिल हैं.
न्यायमूर्ति राजेश बिंदल को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है. कॉलेजियम ने यह भी सिफारिश की है कि त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अकील कुरैशी को राजस्थान उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाए.
सूत्रों ने बताया कि इस साल अप्रैल में प्रधान न्यायाधीश का पदभार संभालने के बाद न्यायमूर्ति रमण ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के लिए करीब 100 नामों की सिफारिश की है. देश के 25 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 1,080 पद स्वीकृत हैं और एक मई 2021 को उच्च न्यायालय केवल 420 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहे थे.
देश भर के 12 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए एक बार में 68 नामों की सिफारिश करने के ऐतिहासिक फैसले के बाद कॉलेजियम द्वारा ये सिफारिशें की गई हैं.
इससे पहले 17 अगस्त को एक ऐतिहासिक फैसले में, प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने तीन महिलाओं सहित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए नौ नामों की सिफारिश की थी.
हाल में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश द्वारा दिए गए बयान के मद्देनजर ये सिफारिशें महत्वपूर्ण हैं कि उच्च न्यायपालिका में रिक्तियों के मुद्दे को ‘तत्काल आधार’ पर भरने का प्रयास किया जा रहा है. प्रधान न्यायाधीश ने कार्यक्रम के दौरान कहा था कि एक और महीने में उन्हें उम्मीद है कि 90 फीसदी रिक्तियां भरी जाएंगी.
सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘उच्च न्यायालयों में बड़े फेरबदल और मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति पर फैसला सघन बैठकों के बाद हुआ है.’ साथ ही कहा कि इस संबंध में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को बैठकें हुईं. न्यायाधीशों के नाम और ब्योरे के संबंध में कॉलेजियम के फैसले अभी तक शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि कॉलेजियम ने राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंद्रजीत महंती को त्रिपुरा उच्च न्यायालय और मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विश्वनाथ सोमद्दर को सिक्किम उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है.
कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति बिंदल के अलावा न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, प्रशांत कुमार मिश्रा, रितु राज अवस्थी, सतीश चंद्र शर्मा, रंजीत वी मोरे, अरविंद कुमार और आर वी मलीमथ को अलग-अलग उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश की है. उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी के नामों की सिफारिश क्रमश: कलकत्ता, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में की गई है. इसी तरह, तेलंगाना, मेघालय, गुजरात और मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त करने के लिए न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा, रंजीत वी मोरे, अरविंद कुमार और आर वी मलीमथ के नामों की सिफारिश की गई है.
देश भर के 12 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए एक बार में 68 नामों की सिफारिश करने के ऐतिहासिक फैसले के बाद कॉलेजियम द्वारा ये सिफारिशें की गई हैं. हाल में कॉलेजियम ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए केंद्र को 10 नामों की सिफारिश की थी.