नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय कैंपस बृहस्पतिवार को करीब दो वर्ष बाद फिर से खुल गया। मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया था।
विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन में छात्रों की भीड़ नजर आयी। छात्र नार्थ कैंपस स्थित अपने कॉलेज जाने के लिए वहां पहुंचे थे। यहां हाथों थर्मल स्कैनर लिए हुए सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों का स्वागत किया।
पीटीआई-भाषा ने जब कक्षाओं के अंदर का जायजा लिया तो ज्यादातर छात्र मास्क पहने दिखे।
हिंदू कॉलेज के शिक्षक मनीष कंसल ने कहा कि चेहरों पर मास्क होने के बावजूद छात्रों का उत्साह काफी स्पष्ट था। उन्होंने कहा, ‘‘हम पहली बार अपने छात्रों से मिल रहे थे। उन्होंने मास्क पहने हुए थे लेकिन हम उनकी आंखों में उत्साह देख सकते हैं। छात्रों को कॉलेज, सड़कों और यातायात की तस्वीरें लेते देखा गया।’
कैंपस लॉ सेंटर के 26 वर्षीय छात्र गजेंद्र मोहन ठाकुर ने कहा, ‘‘मैं परिसर में वापस जाने के लिए उत्साहित था। विश्वविद्यालय लगभग दो साल से बंद था और अध्ययन का ऑनलाइन तरीका इतना कुशल नहीं था कि शिक्षा के ऑफ़लाइन तरीके का स्थान ले सके।’’
प्रथम वर्ष की छात्रा कल्याणाई हरबोला ने कहा कि परिसर के फिर से खुलने से उनका जीवन ‘फिर से पटरी पर आ गया है। हम ऑफ़लाइन कक्षाओं में शामिल होने के लिए बहुत उत्साहित हैं क्योंकि यह हमारे भविष्य को आकार देने के लिए अवसर प्रदान करता है।’’
इस महीने की शुरुआत में कई छात्र संगठनों ने कैंपस को फिर से खोलने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। प्राधिकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मामलों में गिरावट के बाद कक्षाएं फिर से शुरू करने का फैसला किया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति अच्छी रही हालांकि अन्य राज्यों से आने वाले छात्र कम थे। ऐसे छात्रों की संख्या केवल अगले सप्ताह से बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि प्राचार्यों का कहना है कि छात्रों की उपस्थिति उम्मीद से बेहतर रही।
शिक्षकों के अनुसार प्रथम वर्ष के छात्रों की तुलना में द्वितीय वर्ष के छात्रों में उपस्थिति अधिक थी। ऑफ़लाइन कक्षाओं को फिर से शुरू करने से हर कोई खुश नहीं था क्योंकि बाहरी छात्रों ने पेइंग गेस्ट के किराए में बढ़ोतरी की शिकायत की।
केरल से अंग्रेजी (ऑनर्स) की तीसरे वर्ष की छात्रा गौरी ने कहा कि पीजी की दरें तीन गुना हो गई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पीजी मालिक स्थिति का फायदा उठा रहे हैं और छात्रों से वास्तविक किराये की राशि को तीन गुना करने के लिए कह रहे हैं।’’
कई बाहरी छात्रों पीटीआई-भाषा से बातचीत में शिकायत की कि उन्हें वापसी की योजना के लिए बहुत कम दिन दिए गए।
अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की छात्रा 24 वर्षीय अदिति जैन ने कहा, ‘‘मैं चिंतित हूं क्योंकि अगले 20 दिनों में हमारी परीक्षाएं होनी हैं। हमें बहुत सी चीजों को ठीक करना है और परीक्षा के लिए अध्ययन भी करना है। यह एक अतिरिक्त दबाव है। छात्र हाईब्रिड (आनलाइन और आफलाइन) कक्षाओं की मांग कर रहे थे लेकिन हमारी मांग ठुकराई गई। उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है।’’
भाषा अमित पवनेश
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