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Thursday, 2 May, 2024
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शिकायतें समय से न निपटने पर कलेक्टर ने अधिकारियों सहित रोकी खुद की भी सैलरी, कहा- सख्ती रहेगी जारी

जिलाधिकारी जबलपुर ने शिकायतों की विभागवार समीक्षा की, जिसके बाद उन्होंने लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी शिकायतों के निस्तारण न हो पाने की वजह से करीब 35 अधिकारियों सहित खुद की भी सैलरी रोकने का आदेश दे दिया.

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नई दिल्लीः सीएम हेल्पलाइन के जरिए आने वाली शिकायतों का निस्तारण समय से न हो पाने पर मध्य प्रदेश के जिला जबलपुर के कलेक्टर करमवीर शर्मा ने खुद की सैलरी रोकने का आदेश दे दिया. इसके अलावा संबंधित विभाग के कई अन्य अधिकारियों की भी दिसंबर महीने की सैलरी रोकने का आदेश दे दिया.

जिलाधिकारी ने सोमवार को जिला पंचायत ऑफिस में की गई शिकायतों की विभागवार समीक्षा की, जिसके बाद उन्होंने लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी शिकायतों के निस्तारण न हो पाने की वजह से करीब 35 अधिकारियों की सैलरी रोकने का आदेश दे दिया. इनमें 10 दिन से लेकर 100 दिन तक लंबित शिकायतें थीं. करमवीर शर्मा 2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.

नैतिक दायित्व लेते हुए रोकी खुद की सैलरी

दिप्रिंट ने जबलपुर के जिलाधिकारी करमबीर शर्मा को संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि, ‘उनके अधीनस्थ कई अधिकारियों ने अपने पदीय दायित्व को सही ढंग से नहीं निभाया इसीलिए शिकायतों का निस्तारण समय से नहीं हो पाया है. लेकिन अपना नैतिक दायित्व स्वीकार करते हुए मैंने उनके साथ-साथ खुद भी सैलरी रोकने का आदेश दे दिया है.’ उनका कहना था कि इससे अधीनस्थ अधिकारियों को बेहतर काम करने के लिए प्रेरित भी किया जा सकेगा.

लगभग 600 शिकायतें थीं पेंडिंग

दिप्रिंट को उन्होंने बताया कि महीने में लगभग 8 हजार से हजार शिकायतें आ जाती हैं जिनका निस्तारण शीघ्रातिशीघ्र करने की कोशिश की जाती है. इस महीने करीब 600 शिकायतें पेंडिंग थीं जिसकी वजह से उन्हें यह कदम उठाना पड़ा. इन शिकायतों में लोगों से जुड़ी हर तरह की शिकायतें आती हैं.

शिकायतों के निस्तारण में जिले का रहा 8वां स्थान

आगे उन्होंने बताया कि इस महीने उन्होंने सीएम हेल्पलाइन के जरिए आई कुल शिकायतों का लगभग 74 से 75 फीसदी शिकायतों का निराकरण कर दिया है. और राज्य में शिकायत निस्तारण के मामले में जिले की रैंकिंग 8वीं रही है. लेकिन इस बार कुछ ज्यादा मामले लंबित हो जाने के कारण उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा. जिन अधिकारियों की पेंडेंसी ज्यादा थी उनकी सैलरी रोक दी गई है.

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आगे उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ वेतन रोकने तक रही सीमित नहीं रहेगी बल्कि 7 दिन बाद इसका रिव्यू किया जाएगा और जिन अधिकारियों की कार्यशैली और परफॉर्मेंस में सुधार नहीं देखा जाएगा उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी.

सख्ती रहेगी जारी

जब दिप्रिंट ने उनसे पूछा कि क्या पहले भी ऐसा हुआ है तो उन्होंने कहा कि पहले भी वेतन रोकने की कार्रवाई की जाती रही है लेकिन इतने बड़े स्तर पर पहली बार ऐसा किया गया है. आगे उन्होंने कहा कि हमारी मनसा स्प्ष्ट है कि जनता से जुड़ा काम संवेदनशीलता के साथ होना चाहिए ताकि लोगों को अपने काम लिए भटकना न पड़े. डीएम करमवीर शर्मा ने कहा कि शिकायतों के निस्तारण के मामले में जब तक पूरी तरह से सुधार नहीं हो जाएगा तब तक सख्ती जारी रहेगी.


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