गांधीनगर, 17 अगस्त (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोविड-19 महामारी से मिले सबक का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों के बीच सहयोगात्मक एवं सामूहिक प्रयास और रोकथाम, निदान और उपचार विकल्पों तक समान पहुंच टीबी बीमारी पर काबू पाने के लिए अहम हैं।
मांडविया ‘‘दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में टीबी बीमारी को ख़त्म करने के लिए सतत, त्वरित और नवाचार’ विषय पर आयोजित एक मंत्रिस्तरीय बैठक में मुख्य भाषण दे रहे थे। उन्होंने वैश्विक समय सीमा से पांच साल पहले 2025 तक देश से टीबी रोग को खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने बृहस्पतिवार को बैठक की सह-अध्यक्षता की।
इस कार्यक्रम में गांधीनगर घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए जिसे मील का पत्थर माना जा रहा है। इस घोषणा में टीबी एवं अन्य बीमारियों पर काबू की दिशा में प्रगति की निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय बहुक्षेत्रीय आयोग की स्थापना का आह्वान किया गया है।
मांडविया ने कहा कि सहयोगात्मक प्रयास और रोकथाम, निदान एवं उपचार के विकल्पों तक समान पहुंच टीबी को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी से यह स्पष्ट हो गया है।
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के कई देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने बैठक में भाग लिया। इनमें बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्री शामिल हैं। इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्री बी जी सादिकिन ने रिकॉर्ड किया हुआ संदेश भेजा।
भाषा अविनाश माधव
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