इंदौर, नौ मार्च (भाषा) आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मध्यप्रदेश सरकार के बुधवार को पेश बजट पर औद्योगिक संगठनों की ठंडी प्रतिक्रिया सामने आई, जबकि व्यापारियों के एक महासंघ ने इस बात को लेकर राहत की सांस ली है कि राज्य सरकार ने इसमें किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं किया है।
सूबे के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर के 1,500 छोटे-बड़े उद्योगों की नुमाइंदगी करने वाले पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘यह बजट मतदाताओं को लुभाने के लिए तैयार किया गया है और इसमें प्रदेश को औद्योगिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के जुमले को अमली जामा पहनाने के लिए स्पष्ट नजरिये का अभाव है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों पर करों में जल्द संभावित वृद्धि के मद्देनजर हम उम्मीद कर रहे थे कि राज्य सरकार बजट में इन उत्पादों पर अपने कर-उपकर घटाकर राहत का रास्ता तैयार करेगी। लेकिन हमारी यह उम्मीद पूरी नहीं हो सकी।’
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के औद्योगिक संगठन एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया ने कहा, ‘हमने मांग की थी कि राज्य में औद्योगिक इकाइयों के लिए जरूरी अलग-अलग पंजीकरण, नवीनीकरण और अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रियाओं को कागजी कवायद से पूरी तरह मुक्त करते हुए ऑनलाइन किया जाए। लेकिन बजट में इस सिलसिले में कोई खाका नहीं दिखाई दिया।’’
प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर के कारोबारी संगठनों के महासंघ अहिल्या चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा, ‘‘हम कोविड-19 संकट के झटकों से अब तक नहीं उबरे हैं। ऐसे में गनीमत है कि राज्य सरकार ने बजट के जरिये हम पर कोई नया कर नहीं लगाया है।’’
भाषा हर्ष अर्पणा
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