नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, जो आमतौर पर अपनी सरलता और सहजता के लिए जाने जाते हैं, सोमवार को अपने रौद्र रूप में नजर आए. मौका था मुख्यमंत्री सुशासन तिहार के अंतर्गत उनके आकस्मिक दौरे का, जब वे गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के ग्राम चुकतापानी पहुंचे.
गांव में महुआ के पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर जब मुख्यमंत्री ग्रामीणों की समस्याएं सुन रहे थे, तो वहां मौजूद लोगों ने पेयजल संकट की गंभीर शिकायत की. इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल पीएचई विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया.
मुख्यमंत्री साय ने विभाग के सब इंजीनियर से गांव में हैंडपंप की संख्या और जल जीवन मिशन की प्रगति के बारे में जानकारी मांगी. लेकिन संतोषजनक उत्तर न मिलने पर वे नाराज हो गए. उन्होंने सख्त लहजे में कहा, “यह सरकारी काम है, कोई मजाक नहीं. काम करो या सस्पेंड होने के लिए तैयार रहो.”
मुख्यमंत्री का यह तेवर देख सरकारी अमले में हड़कंप मच गया, वहीं ग्रामीणों ने तालियां बजाकर उनके रुख का समर्थन किया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल जैसी बुनियादी समस्या का शीघ्र समाधान किया जाए.
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