रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार समाज का ध्रुवीकरण कर रही है तथा सत्ता में बने रहने के लिए लोगों को विभाजित कर रही है. उन्होंने राज्या में एनआरसी को लागू नहीं करने की बात कही.
बघेल ने राज्य में कांग्रेस की सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और इस दौरान एक वर्ष के दौरान सरकारी की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला.
उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को अपनी पार्टी और लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बताया और कहा कि भाजपा ने जनता को भड़काने, गुमराह करने और विभाजित करने के अलावा कुछ नहीं किया है.
उन्होंने कहा, ‘आज पूरा देश संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उबल रहा है. देश की राजधानी समेत विभिन्न हिस्सों में छात्रों की पिटाई की जा रही है तथा भय का वातावरण बनाया जा रहा है. उनका उद्देश्य समाज का ध्रुवीकरण करके सत्ता में बने रहना है.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है. केंद्र सरकार ने जो भी कदम उठाए हैं, चाहे वह जीएसटी का मुद्दा हो या संशोधित नागरिकता अधिनियम हो, सभी पर वह असफल साबित हुई है.
बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी कर आम लोगों की जेबों पर डाका डाला है तथा जीएसटी लागू कर कारोबारियों को तबाह कर दिया है. जबकि पुलवामा में आतंकवादी हमला कैसे हुआ यह अभी तब केंद्र सरकार नहीं बता सकी है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अब संशोधित नागरिकता अधिनियम ले आई है. जिसके परिणामस्वरूप देश के विभिन्न हिस्सों में अशांति की स्थिति पैदा हो गई है.
बघेल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि अब देश में एनआरसी को लागू किया जाएगा, जिसके बाद सभी को अपनी राष्ट्रीयता साबित करनी होगी. उन्होंने कहा, ‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि यदि किसी देशवासी के पास दस्तावेज नहीं है और उनके पूर्वज अनपढ़ थे तब वह अपनी नागरिकता कैसे साबित करेंगे. जो लोग दूसरे शहरों और स्थानों पर चले गए हैं वह कैसे अपनी नागरिकता करेंगे.’ बघेल ने सवाल किया कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास जो छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के मूल निवासी थे. अब वह पड़ोसी राज्य में चले गए हैं. राजनांदगांव में उनकी कोई पैतृक संपत्ति नहीं है, अब उनकी नागरिकता कैसे साबित होगी.
मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा कि एनआरसी से बाहर किए जाने वाले लोगों को कहां भेजा जाएगा.
बघेल ने कहा, ‘महात्मा गांधी ने जिस तरह अफ्रीका में सरकार की पहचान योजना का विरोध किया था. हम इसी तरह एनआरसी का विरोध करेंगे. यदि देश में एनआरसी लागू किया जाएगा तब वह पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जो एनआरसी के दस्तावेज में हस्ताक्षर नहीं करेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘इससे पहले गांधी जी ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन चलाया था. आज हमे ‘काले अंग्रेजों’ का विरोध करना होगा.’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘यदि आप खुद को हिंदुओं को बड़ा नेता मानते हैं तब बताएं कि छह वर्ष के कार्यकाल में आपकी सरकार ने हिंदुओं के लिए क्या किया है. मोदी सरकार केवल लोगों को डर दिखाकर वोट बटोरने में लगी हुई है.’
बघेल ने कहा कि कांग्रेस को उनसे वैचारिक रूप से लड़ना होगा.
बाद में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा कि उनकी सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों का विश्वास जीतेगी तथा वहां विकास सुनिश्चित करेगी, जिससे नक्सलवाद का खात्मा किया जा सके.
नक्सल समस्या को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बघेल ने कहा, ‘मैंने बस्तर में पत्रकारों, नक्सल प्रभावित लोगों, सुरक्षा कर्मियों और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों से चर्चा की है. इन चर्चाओं से यह निष्कर्ष निकला है कि स्थानीय लोगों का विश्वास जीतकर तथा क्षेत्र में विकास कर इस समस्या से निपटा जा सकता है. साथ ही राज्य सरकार ने स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का भी फैसला किया है.’