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Friday, 22 November, 2024
होमदेशCBI के नोटिस पर बोले अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय एजेंसियां हमें फंसाने के लिए अदालतों से झूठ बोल रहीं

CBI के नोटिस पर बोले अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय एजेंसियां हमें फंसाने के लिए अदालतों से झूठ बोल रहीं

मीडियाकर्मयों से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'केंद्रीय एजेंसियां आबकारी नीति के जांच मामले में हमारे खिलाफ कोर्ट में झूठ बोल रही हैं. गिरफ्तार लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है, हमें फंसाने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है.'

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नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया कि उन्हें पता कि जब से उन्होंने दिल्ली विधानसभा में भ्रष्टाचार के खिलाफ बोला है तभी से सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) का अगला निशाना वही हैं.

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में रविवार को पूछताछ के लिए पेश होने के समन को लेकर राजधानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केजरीवाल ने यह बात कही. मीडियाकर्मयों से बात करते हुए, उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय एजेंसियां आबकारी नीति के जांच मामले में हमारे खिलाफ कोर्ट में झूठ बोल रही हैं. गिरफ्तार लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है, हमें फंसाने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को गलत तरीके से आरोपी बनाया है. गलत बयान लेने के लिए लोगों को पीटा जा रहा है. एजेंसियां सबूत के लिए लोगों को प्रताड़ित कर रही हैं. यह नीति भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए बहुत अहम थी.’

सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 16 अप्रैल के लिए समन भेजा है.

आप नेता ने कहा कि केजरीवाल सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए पेश होंगे.

पूर्व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया केजरीवाल के प्रमुख सहयोगी हैं, जो कि एक्साइज पॉलिसी नीति मामले में अनियमितता को लेकर जेल में हैं.

ईडी और सीबीआई दिल्ली में एक्साइज पॉलिसी को बनाने और लागू करने में अनियमितता को लेकर जांच कर रही हैं.

सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया. इसके बाद मार्च 9 को, दिल्ली की तिहाड़ जेल में घंटों पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया था.

ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया था कि एक्साइज पॉलिसी को संशोधित करने के दौरान लाइंसेसधारकों के लाभ के दबाव में अनियमितताएं की गई थीं, लाइसेंस फीस माफ कर दी गई या घटा दी गई और एल-1 लाइसेंस को सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना आगे बढ़ाया गया. जांच एजेंसियों ने कहा कि लाभार्थियों ने आरोपी अधिकारियों को ‘अनुचित’ लाभ पहुंचाया और पता न लग पाए इसके लिए अपनी खाते की किताबों में गलत एंट्रीज कीं.’


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