नई दिल्ली: दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उस समय एक बड़ी कामयाबी हासिल कि जब उसने कथित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के सदस्य कुलविंदरजीत सिंह उर्फ खानपुरिया, जो पहले फरार चल रहा था और पंजाब में ‘आतंकवादी हमलों की योजना बनाने’ के लिए घोषित अपराधी है, को शुक्रवार को भारत में प्रवेश करने की कोशिश करने के दौरान गिरफ्तार कर लिया.
खुफिया सूत्रों ने बताया कि खानपुरिया पाकिस्तान में रह रहा था और वह थाईलैंड के रास्ते भारत पहुंचा था. उसे दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया और फिर उसे एनआईए ने अपनी गिरफ्त में ले लिया. अब उसे पूछताछ के लिए मोहाली ले जाया गया है.
इस साल फरवरी में खानपुरिया के खिलाफ एक रेड नोटिस जारी किया गया था, जिसकी एक कॉपी दिप्रिंट के पास भी है.
सूत्रों ने बताया कि खानपुरिया कथित खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा, जिसकी शनिवार को पाकिस्तान में मौत हो गई थी, का करीबी सहयोगी है. रिंदा को इस साल मई में पंजाब के मोहाली में खुफिया एजेंसी के मुख्यालय पर हुए ग्रेनेड हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है.
एक सूत्र ने बताया, ‘खानपुरिया पंजाब में कई आतंकवाद से संबंधित मामलों में शामिल है और राज्य में सार्वजनिक स्थानों पर सीरियल विस्फोटों की योजना भी बना रहा था. उसके बारे में संदेह है कि साल 2019 में मलेशिया भाग गया था, जहां से वह अपनी गतिविधियों का संचालन कर रहा था. फिर वह कुछ समय के लिए पाकिस्तान चला गया. हमने इसी साल फरवरी में उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.’
सूत्र ने आगे कहा, ‘उसे एनआईए द्वारा मोहाली की एक अदालत में पेश किये जाने के बाद 25 नवंबर तक हिरासत में रखा गया है.’
सूत्र ने कहा, ‘खानपुरिया का पकड़ा जाना एक बड़ी गिरफ्तारी है क्योंकि उसने अपने करीबी सहयोगी रिंदा के साथ भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए गठबंधन कर लिया था. वे ही इसके लिए पैसा झोंक रहे थे और तमाम तरह की मदद भी मुहैया करा रहे थे. खानपुरिया आईएसआई के लिए काम करता है और आतंकी गतिविधियों के लिए भारत में ड्रग मनी (नशीले पदार्थों के व्यापार से की गई कमाई) भेजने में शामिल था.’
सूत्र के अनुसार खानपुरिया पहले कंबोडिया में काम करता था और फिर साल 2019 में मलेशिया चला गया.
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‘पूरे पंजाब में आतंकी हमले की योजना बनाई थी’
पुलिस सूत्रों ने बताया कि खानपुरिया इस साल मई में मोहाली में हुए आरपीजी (राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) हमले के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार रिंदा के सहयोगी के रूप में शामिल था. अब उससे इसी आधार पर पूछताछ की जाएगी.
मार्च 2020 में एक विशेष एनआईए अदालत ने खानपुरिया और तीन अन्य के खिलाफ ‘सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने’ के लिए आरोप तय किए थे. खानपुरिया के अलावा, रविंदरपाल सिंह, जगदेव सिंह और हरचरण सिंह, जिन्हें उसी साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था, के खिलाफ भी आरोप तय किए गए थे.
पंजाब पुलिस ने आरोप लगाया था कि ये आरोपी ‘राज्य में शांति भंग करने’ की योजना बना रहे थे. पुलिस के मुताबिक, खानपुरिया ने आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश रची थी. अभियुक्तों के खिलाफ लगाए गए आरोपों में भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार इकट्ठा करना, युद्ध छेड़ने के लिए तैयार किये गए डिजाइन को इरादे के साथ छिपाना से सम्बन्धित सीआरपीसी की धाराओं के साथ ही गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम- अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट- की धाराओं के तहत लगाए गए आरोप भी शामिल थे.
इस संबंध में साल 2019 में एक आरोपपत्र भी दायर कर दी गई थी.
22 मार्च 2021 को, एनआईए ने अमृतसर के राजा सांसी इलाके में एक बस स्टॉप पर दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों द्वारा नियमित जांच के दौरान रोके जाने के बाद पुलिस दल के ऊपर फेंके गए दो हथगोले जब्त करने से संबंधित साल 2019 के मामले में कुलविंदरजीत सिंह सहित सात लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.
एनआईए के अनुसार, आरोपी जजबीर सिंह समरा और वरिंदर सिंह चहल एक ‘नार्को-टेरर मॉड्यूल’ का हिस्सा थे, जो पाकिस्तान से तस्करी कर लाई गई हेरोइन को ‘पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हरमीत सिंह के इशारे पर वितरित करने में शामिल था. ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि विभिन्न आतंकवादी संस्थाओं तक ड्रग्स से होने वाली आय पहुंचाई जा सके.
एनआईए ने एक बयान में कहा, ‘उन्होंने हरमीत सिंह और कुलविंदरजीत सिंह उर्फ खानपुरिया द्वारा रची गई साजिश को आगे बढ़ाने और आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने के लिए पहले से तय स्थान से हथगोले भी उठा लिए थे.’
एनआईए के अनुसार, जांच में यह भी पता चला है कि चार्जशीट में नामित कुलबीर सिंह, मंजीत कौर और तरनबीर सिंह जैसे सभी आरोपियों ने कुलविंदरजीत सिंह के भारत से भागने के बाद उसके लिए कंबोडिया और मलेशिया में आश्रय और साजो-सामान संबंधी सहायता प्रदान की थी, जिसमें उसके लिए आवास और व्यापार वीजा का प्रबंध करना भी शामिल था.
(अनुवाद: रामलाल खन्ना | संपादन: कृष्ण मुरारी)
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