लंदन: स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने कोरोनावायरस के चलते उत्पन्न स्थिति के मद्देनज़र भारत में नीट और जेईई परीक्षाएं टालने का मंगलवार को समर्थन किया और कहा कि यह ‘बहुत अनुचित’ है कि छात्रों को महामारी के समय परीक्षाओं में बैठने के लिए कहा जा रहा है.
देश भर में कई छात्रों के साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन सहित कई नेताओं ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि जब तक कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रण में नहीं लाया जाता तब तक के लिए परीक्षा स्थगित कर दी जाए.
प्रमुख राष्ट्रीय परीक्षाओं को स्थगित करने के आह्वान का समर्थन करते हुए थनबर्ग ने ट्वीट करके कहा कि यह छात्रों के लिए बहुत अनुचित है.
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत अनुचित है कि भारत के छात्रों को ऐसे में राष्ट्रीय परीक्षा में बैठक के लिए कहा जा रहा है जब कोविड-19 महामारी के साथ ही लाखों लोग बाढ़ से भी प्रभावित हैं. मैं ‘कोविड-19 में जेईई, नीट परीक्षा’ स्थगित करने के समर्थन में हूं.’
It’s deeply unfair that students of India are asked to sit national exams during the Covid-19 pandemic and while millions have also been impacted by the extreme floods. I stand with their call to #PostponeJEE_NEETinCOVID
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) August 25, 2020
सत्रय वर्षीय थनबर्ग जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के लिए एक अग्रणी आवाज बन गई हैं, जिससे दुनिया भर में लाखों छात्र इसको लेकर विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए प्रेरित हुए. उन्हें 2019 के लिए ‘टाइम’ पत्रिका का ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ चुना गया है.
नीट और जेईई सहित विभिन्न परीक्षाओं को कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र स्थगित करने की मांग को लेकर रविवार को 4,000 से अधिक छात्रों ने एक दिन की भूख हड़ताल की.
यह विरोध प्रदर्शन ऐसे दिन हुआ जब राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को छात्रों के ‘मन की बात’ सुननी चाहिए और ‘एक स्वीकार्य समाधान’ पर पहुंचना चाहिए और उनकी पार्टी ने मांग की है कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) टाल दी जाए.
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