नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश की विकास यात्रा जारी रखने के लिए स्वच्छ, स्पष्ट और स्थिर शासन आवश्यक है। उन्होंने भारत में हो रहे सकारात्मक विकास का श्रेय राजनीतिक स्थिरता, नीति स्पष्टता और लोकतांत्रिक मूल्यों को दिया।
प्रधानमंत्री मोदी भारत मंडपम में आयोजित ‘जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट’ के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि पिछले 30 दिनों के दौरान भारत की कूटनीति एक नयी ऊंचाई पर पहुंची है। उन्होने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए कुछ निर्णयों में 21वीं सदी की दुनिया की दिशा बदलने की क्षमता है।
उन्होंने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा, “आज के ध्रुवीकृत अंतरराष्ट्रीय माहौल में, इतने सारे देशों को एक मंच पर लाना कोई छोटी बात नहीं है।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने बीते 30 दिनों में दुनिया भर के 85 नेताओं से मुलाकात की।
मोदी ने कहा, “भारत कुछ न कुछ नया करने वाली जगह बनता जा रहा है। पिछले 30 दिनों की गतिविधियों से यह स्पष्ट है। मैं आपको पिछले 30 दिनों का रिपोर्ट कार्ड देना चाहता हूं। इससे आपको नए भारत की गति और पैमाने का अंदाज़ा हो जाएगा। 23 अगस्त तो आपको याद ही होगा! हर कोई प्रार्थना कर रहा था और तभी अचानक सबके चेहरे पर मुस्कान आ गई। पूरी दुनिया ने सुनी भारत की आवाज: ‘भारत चांद पर है’।”
उन्होंने कहा, “23 अगस्त का दिन देश में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में अमर हो गया है। अपने चंद्र मिशन की सफलता के तुरंत बाद, भारत ने अपना सौर मिशन लॉन्च किया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने देश में हो रहे सकारात्मक विकास का श्रेय राजनीतिक स्थिरता, नीतिगत स्पष्टता और लोकतांत्रिक मूल्यों को दिया।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले नौ वर्षों में सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ईमानदार प्रयास किए हैं और बिचौलियों की समस्या को नियंत्रित करने और सिस्टम में रिसाव को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित प्रणालियों के कार्यान्वयन का उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा, “आज ईमानदारों को पुरस्कृत किया जा रहा है जबकि बेईमानों पर कार्रवाई की जा रही है। देश की विकास यात्रा जारी रखने के लिए स्वच्छ, स्पष्ट और स्थिर शासन अनिवार्य है।”
भारत की कूटनीति के पिछले 30 दिनों में नई ऊंचाइयों पर पहुंचने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन एक राजनयिक और दिल्ली केंद्रित कार्यक्रम तक सीमित हो सकता था लेकिन भारत ने इसे लोगों द्वारा संचालित राष्ट्रीय आंदोलन बना दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 30 दिन में भारत की कूटनीति एक नयी ऊंचाई पर पहुंची है। जी20 से पहले दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन हुआ और भारत के प्रयास से ब्रिक्स समुदाय में छह नए देश शामिल किए गए।’’
मोदी ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में नयी दिल्ली घोषणापत्र पर 100 प्रतिशत सहमति दुनिया भर में सुर्खियां बनीं और इस दौरान भारत ने अनेक महत्वपूर्ण फैसलों का नेतृत्व किया।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद जी20 सम्मेलन के दौरान इसी भारत मंडपम में दुनिया के लिए बड़े-बड़े फैसले किए गए। आज के खंडित वैश्विक वातावरण में इतने सारे देशों को एक साथ एक मंच पर लाना छोटा काम नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जी20 में कुछ फैसले ऐसे हुए जो 21वीं सदी की पूरी दिशा ही बदल देने की क्षमता रखते हैं। भारत की पहल पर अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाया गया। ग्लोबल बायोफ्यूल अलांयस का नेतृत्व भी भारत ने किया।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जी20 सम्मेलन में ही हम सभी ने मिलकर ‘भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा’ बनाने का फैसला किया। यह गलियारा कई महाद्वीपों को आपस में जोड़ेगा इससे आने वाली कई शताब्दियों तक व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलने वाला है।’’
मोदी ने कहा कि पिछले 30 दिन में समाज के विभिन्न वर्गों के सशक्तीकरण के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की गई, एक लाख से ज्यादा नौजवानों को केंद्र सरकार में सरकारी नौकरी दी गई और इसी अवधि में नए संसद भवन में संसद का सत्र हुआ जिसमें महिला आरक्षण विधेयक पारित हुआ।
विश्वकर्मा जयंती पर आरंभ किए गए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इससे अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग के कारीगरों का सशक्तीकरण होगा।
उन्होंने युवाओं से कहा कि देश कितनी तेज गति से काम कर रहा है और कितने अलग-अलग पहलुओं पर काम कर रहा है, यह देश के नौजवानों को पता होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘युवा वहीं आगे बढ़ते हैं जहां आशा, अवसर और खुलापन होता है। जिस तरीके से आज भारत आगे बढ़ रहा है, उसमें आपके उड़ने के लिए पूरा आसमान खुला है।’’
उन्होंने कहा कि भारत के कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसर उनके “लोकल के लिये वोकल” (स्थानीय उत्पाद के लिये मुखर) मंत्र के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन सकते हैं। प्रधानमंत्री ने छात्रों से खादी को परिसर में लोकप्रिय बनाने बनाने का आग्रह किया। उन्होंने खादी फैशन शो आयोजित करने और कॉलेज सांस्कृतिक उत्सवों में विश्वकर्मा (स्थानीय कारीगरों) के काम को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के हिस्सा रहे दिग्गजों के विपरीत “हमें देश के लिए मरने का अवसर नहीं मिला, लेकिन हमारे पास देश के लिए जीने का पूरा अवसर है”।
भाषा प्रशांत माधव
माधव
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