मुंबई/नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ मिलने के मामले में शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी। पिछले साल हुए इस मामले में गिरफ्तारी के बाद आर्यन को 22 दिन जेल में बिताने पड़े थे।
एनसीबी के अधिकारियों ने कहा कि आर्यन खान और पांच अन्य को ”पर्याप्त सबूतों के अभाव” के चलते आरोप पत्र में नामजद नहीं किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि एनसीबी के विशेष जांच दल (एसआईटी) को जांच में ”गंभीर अनियमितताएं” और गलतियों के बारे में पता चला।
उन्होंने कहा कि आर्यन को गिरफ्तार करने वाली एनसीबी की टीम ने आरोपी की स्वास्थ्य जांच, छापेमारी की वीडियो रिकॉर्डिंग और व्हाट्सऐप चैट में मिले सबूतों की पुष्टि जैसे नियमों का पालन नहीं किया।
एनसीबी प्रमुख एस.एन. प्रधान ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि जांच में कुछ ”खामियां” पाई गईं और अदालत में आरोपों को साबित करने के लिए आरोपी के व्हाट्सएप चैट में कोई ”पक्का सबूत” नहीं था।
एनसीबी ने शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत में 14 आरोपियों के खिलाफ 6 हजार पृष्ठ का आरोप पत्र दाखिल किया। हालांकि आर्यन खान समेत छह लोगों के खिलाफ सबूतों के अभाव के चलते आरोप नहीं लगाए गए।
प्रधान ने कहा, ”आरोप पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख तक हमारी विशेष जांच टीम को जो कुछ भी मिला, उसके आधार पर हमने आरोप पत्र दाखिल किया है।”
उन्होंने कहा, ”हमने सबूत के सिद्धांत के आधार पर जांच की।”
प्रधान ने कहा, ”हमें 14 लोगों के खिलाफ भौतिक और परिस्थितिजन्य साक्ष्य मिले और छह के खिलाफ सबूत अपर्याप्त थे।”
उन्होंने कहा, ”हमने शुरुआती जांच के दौरान मिले सभी तथ्यों पर विचार किया और (आर्यन के खिलाफ) कोई ठोस सबूत नहीं मिला।”
यह पूछे जाने पर कि क्या शाहरुख खान से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा, ”कुछ संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की गई, लेकिन उनके नाम नहीं बताए जा सकते।”
आर्यन खान के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है।
उन्होंने कहा, ”मैं राहत महसूस कर रहा हूं, और मेरे मुवक्किल शाहरुख खान भी राहत महसूस कर रहे होंगे। सच्चाई की जीत हुई है। आखिरकार, इस युवक (आर्यन खान) पर आरोप लगाने या उसे गिरफ्तार करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला।”
उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा कि एनसीबी ने अपनी गलती स्वीकार की और महसूस किया कि आर्यन खान के खिलाफ आगे बढ़ने का कोई कारण नहीं है।
आर्यन खान के वकील सतीश मानशिंदे ने मुंबई में कहा कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया जाना और तीन सप्ताह से अधिक समय जेल में रखा जाना अनुचित था, क्योंकि उनके पास से कोई मादक पदार्थ नहीं मिला था।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मानशिंदे ने कहा, ”आर्यन को गिरफ्तार कर हिरासत में रखा जाना अनुचित था, खासकर तब जब उनके पास कोई मादक पदार्थ नहीं मिला था। और उनके विरुद्ध किसी भी तरह का कोई सबूत नहीं था।”
इससे पहले मुंबई की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने वाले एनसीबी के अधिकारियों ने कहा कि आर्यन खान और पांच अन्य को ”पर्याप्त सबूतों के अभाव” के कारण मामले में नामजद नहीं किया गया है।
एनसीबी ने एक बयान में कहा कि एसआईटी ने ”वस्तुनिष्ठ तरीके” से जांच की।
बयान के अनुसार, ”एसआईटी की जांच के आधार पर 14 आरोपियों के खिलाफ (मुंबई की एक अदालत के समक्ष) स्वापक औषधि एवं मन:-प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दाखिल की गई है। छह अन्य व्यक्तियों के खिलाफ सबूतों के अभाव के चलते शिकायत दाखिल नहीं की जा रही है।”
आरोप पत्र में कहा गया है कि एनसीबी के मुंबई में स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने पिछले साल 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल और कॉर्डेलिया नामक कंपनी द्वारा संचालित जहाज से आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में विक्रांत, इश्मीत, अरबाज, अयान, गोमित, नूपुर, मोहक और मुनमुन शामिल थे।
एनसीबी ने कहा, ”आर्यन (खान) और मोहक (जायसवाल) को छोड़कर सभी आरोपियों के पास से मादक पदार्थ मिले थे।”
एनसीबी ने इस मामले में पिछले साल 3 अक्टूबर को आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। 26 अक्टूबर को उन्हें बंबई उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी, जिसके बाद 30 अक्टूबर को उन्हें आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सरकार ने क्रूज पर से मादक पदार्थ मिलने के मामले में कथित ”गलत” कार्यों के लिये एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के आरोप में भी वानखेड़े के खिलाफ जांच शुरू की जा रही है।
वानखेड़े भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वित्त मंत्रालय एक नोडल प्राधिकरण है। इस मामले के समय वह मुंबई में एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक थे और उन्होंने शुरुआती जांच की थी।
पिछले साल 6 नवंबर को, एनसीबी मुख्यालय ने वानखेड़े को जांच से हटा दिया था और इसकी तफ्तीश दिल्ली स्थित एजेंसी के उप महानिदेशक (संचालन) संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दी गई थी।
वानखेड़े फिलहाल मुंबई में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) में तैनात हैं।
आर्यन खान को एनसीबी की तरफ से क्लीन चिट मिलने की सराहना करते हुए महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पूछा कि आर्यन का जो नुकसान हुआ, उसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
पार्टी ने यह भी कहा कि वानखेड़े इस देश के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। शिवसेना और राकांपा के साथ गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस ने दावा किया कि यह मामला राज्य सरकार को गिराने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।
भाषा जोहेब उमा
उमा
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