अमरावती (महाराष्ट्र), एक अक्टूबर (भाषा) प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई की मां कमलताई गवई ने बुधवार को कहा कि वह पांच अक्टूबर को यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी।
उन्होंने एक खुले पत्र में कहा कि इस खबर से उपजे विवाद और उन पर लगे आरोपों व बदनामी के कारण उन्होंने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल न होने का फैसला किया।
कमलताई (84) ने कहा कि कुछ लोगों ने उन्हें 5 अक्टूबर के कार्यक्रम में आमंत्रित किया था।
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘(लेकिन) जैसे ही कार्यक्रम की खबर प्रकाशित हुई, कई लोगों ने न केवल मुझ पर बल्कि दिवंगत दादासाहेब गवई (उनके पति, बिहार के पूर्व राज्यपाल आर.एस. गवई) पर भी आरोप लगाना और आलोचना करना शुरू कर दिया। हमने (डॉ. भीम राव) आंबेडकर की विचारधारा के अनुसार अपना जीवन जिया है, जबकि दादासाहेब गवई ने अपना जीवन आंबेडकरवादी आंदोलन के लिए समर्पित कर दिया था। विभिन्न विचारधाराओं वाले मंच पर अपनी विचारधारा साझा करना भी महत्वपूर्ण है, जिसके लिए साहस की आवश्यकता होती है।’’
उन्होंने कहा कि उनके पति जानबूझकर विपरीत विचारधाराओं वाले संगठनों के कार्यक्रमों में शामिल होते थे और वंचित वर्गों के मुद्दों को उठाते थे। उन्होंने यह भी कहा कि वह आरएसएस के कार्यक्रमों में तो शामिल होते थे, लेकिन उसके हिंदुत्व को कभी स्वीकार नहीं किया।
कमलताई ने लिखा, ‘‘अगर मैं (5 अक्टूबर के आरएसएस समारोह में) मंच पर होती, तो मैं आंबेडकरवादी विचारधारा को सामने रखती।’’
लेकिन जब उन्हें और उनके दिवंगत पति को आरोपों का सामना करना पड़ा और ‘‘एक कार्यक्रम की वजह से’’ उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई, तो उन्हें बहुत दुख हुआ और उन्होंने संघ के समारोह में न जाने और इसपर विराम लगाने का फैसला किया।
उन्होंने बताया कि वह बीमार हैं और उनका इलाज चल रहा है।
भाषा सुभाष पवनेश
पवनेश
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