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शनिवार, 10 मई, 2025
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प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस को ‘भद्रलोक’, दयालु व्यक्ति बताया

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नयी दिल्ली, 10 अप्रैल (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस को एक सच्चा ‘भद्रलोक’ (सज्जन व्यक्ति) बताया जो समाज में आखिरी छोर पर खडे़ व्यक्ति के साथ न्याय करने की इच्छा रखने वाले एक मेहनती और ‘दयालु’ न्यायाधीश रहे हैं।

न्यायमूर्ति बोस को 24 मई, 2019 को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और वह 10 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वह आगे भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के निदेशक पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।

शीर्ष अदालत की व्यवस्था के अनुसार, शीर्ष अदालत के पांचवें वरिष्ठतम न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बोस, कार्यालय में अपने अंतिम दिन सीजेआई की अध्यक्षता वाली औपचारिक पीठ का हिस्सा थे।

न्यायमूर्ति बोस को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “मेरे विद्वान भाई न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बहुत पढ़े-लिखे, मेहनती, असाधारण रूप से न्यायप्रिय, एक दयालु व्यक्ति और एक ऐसे न्यायाधीश हैं जिनके पास कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति के साथ न्याय करने की असीमित इच्छाशक्ति है।”

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “हम वास्तव में न्यायमूर्ति बोस को याद करेंगे, जैसा कि मैंने कल सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन(एससीबीए) समारोह में अपने भाषण में कहा था कि वह एक सच्चे बंगाली ‘भद्रलोक’ (सज्जन व्यक्ति) के प्रतीक हैं।”

न्यायमूर्ति बोस ने बार और न्यायाधीशों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

न्यायमूर्ति बोस ने कहा, “इन पांच वर्षों में (उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में) मैंने जो कुछ सीखा है, वह पिछले 60 वर्षों में मैंने जो सीखा था, उससे कहीं अधिक है।”

भाषा प्रशांत नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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