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सिविल सेवा दिवस: उप्र अपर मुख्य सचिव नमामि गंगे, मुरादाबाद, बहराइच के जिलाधिकारी ने जीते पुरस्कार

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लखनऊ, 21 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश ने जल जीवन मिशन परियोजनाओं के तहत जल आधारित योजनाओं के संचालन के लिए सौर ऊर्जा का सफलतापूर्वक उपयोग करने के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार जीता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17वें सिविल सेवा दिवस के अवसर पर नयी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में उत्तर प्रदेश के नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव को पुरस्कार प्रदान किया।

इस कार्यक्रम में मुरादाबाद के जिलाधिकारी अनुज सिंह को दिव्यांगों के लिए एक पुस्तकालय स्थापित करने और बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी को जमीनी स्तर पर प्रशासनिक पहुंच के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।

अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव एवं 1992 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएसएस) के अधिकारी को नवाचार (राज्य) श्रेणी में पुरस्कार मिला। उनके नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश जल जीवन मिशन परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया, जिसमें कुल 41,539 परियोजनाओं में से 33,000 से अधिक अब सौर ऊर्जा से संचालित हैं।

ये परियोजनाएं प्रतिदिन लगभग 900 मेगावाट बिजली पैदा करती हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की लागत में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है और बिजली ग्रिड पर निर्भरता कम हुई है।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इस पुरस्कार के साथ एक बड़ी जिम्मेदारी जुड़ी है- यह सुनिश्चित करना कि सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को बिना किसी गलती और पूर्ण जवाबदेही के साथ क्रियान्वित किया जाए।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृढ़ कार्यान्वयन को इसका श्रेय दिया।

दिव्यांग बच्चों के लिए एक पुस्तकालय स्थापित करने की एक अग्रणी पहल के लिए सम्मानित किए गए मुरादाबाद के जिलाधिकारी अनुज सिंह ने कहा कि यह पुरस्कार ‘‘मुरादाबाद के लिए बहुत सम्मान और गर्व की बात है।’’ मुख्य विकास अधिकारी सुमित यादव की मौजूदगी सिंह ने कहा, ‘‘यह शिक्षा विभाग और अन्य लोगों द्वारा एक संयुक्त प्रयास है, जिसे आयुक्त अंजनेय कुमार सिंह के मार्गदर्शन में शुरू किया गया था।’’

यादव ने कहा, ‘‘चयनित किए जाने के बाद, परियोजना को स्क्रीनिंग कमेटी के सामने पेश किया गया और बाद में निदेशालय-स्तरीय समिति द्वारा मौके पर सत्यापित किया गया।’’

दोनों ने उम्मीद जताई कि यह पहल राज्य को विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए अधिक समावेशी स्थान बनाने के लिए प्रेरित करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस परियोजना की सफलता में योगदान देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देते हैं।’’

प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित की गईं बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी ने इस सम्मान को जिले के लोगों को समर्पित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह पुरस्कार सेवाओं को अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक पहुंचाने के हमारे प्रयास का प्रतिबिंब है जो विकास के लाभों को सुदूर गांवों तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है।’’

रानी ने जिले के ‘सेवा से संतुष्टीकरण’ अभियान के बारे में विस्तार से बताया, जिसके तहत 25 विभागों ने एक समय में 10-15 गांवों में आयोजित शिविरों के माध्यम से दूरदराज के समूहों के निवासियों को 40 आवश्यक सेवाएं प्रदान कीं।

उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग, पात्र होने के बावजूद जानकारी या कागजों की कमी के कारण सेवाओं से वंचित रह जाते थे। इसलिए, हमने शिविरों के दौरान सेवाओं की मौके पर सेवाएं दीं और उस समय वेबसाइट पर इसे अपडेट करना सुनिश्चित किया।’’

उन्होंने कहा कि अभियान ने प्रशासन और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच समन्वय में काफी सुधार किया है।

उन्होंने अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, जनता और मीडिया को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘इससे हमें मीडिया और नागरिकों के सामने जन सेवाओं को प्रदर्शित करने का मौका मिला जिससे पारदर्शिता और विश्वास मजबूत हुआ।’’

प्रधानमंत्री पुरस्कार का उद्देश्य प्राथमिकता वाली सरकारी योजनाओं को लागू करने में लोक सेवकों के उत्कृष्ट और अभिनव योगदान का सम्मान करना है।

भाषा किशोर जफर खारी

खारी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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