लखनऊ, सात मई (भाषा) आपातकालीन तैयारियों का आकलन करने के वास्ते एक व्यापक अभ्यास के तहत राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में बुधवार शाम को समन्वित नागरिक सुरक्षा ‘मॉक ड्रिल’ का आयोजन किया गया।
यह ‘मॉक ड्रिल’ ऐसे समय की गई जब पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं।
लखनऊ में, शाम सात बजे के बाद पुलिस लाइन में ‘मॉक ड्रिल’ प्रदर्शन किया गया, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और स्वतंत्र देव सिंह के साथ इसका अवलोकन किया।
इस दौरान पूरे शहर में बिजली आपूर्ति बंद होने, आग लगने और संरचनात्मक ढहने जैसी आपातकालीन स्थितियों का अनुकरण करना, उसके बाद सुरक्षा बलों, अग्निशमन कर्मियों, आपदा प्रतिक्रिया दलों और स्वयंसेवकों द्वारा बचाव और प्रतिक्रिया प्रदर्शन शामिल थे।
कानपुर, मेरठ, वाराणसी, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा, सहारनपुर और झांसी समेत दो दर्जन से अधिक शहरों में अभ्यास किये जाने की खबरे मिली है ।।
मेरठ में जिला मजिस्ट्रेट वी के सिंह ने सेंट जोसेफ, सीसीएस विश्वविद्यालय, सुभारती विश्वविद्यालय, आईआईएमटी कॉलेज और अन्य विभिन्न शैक्षणिक और सार्वजनिक संस्थानों में अभ्यास की निगरानी की।
उन्होंने कहा, ‘इसका उद्देश्य नागरिकों को आपात स्थिति के दौरान आवश्यक सावधानियों के बारे में अवगत कराना है।’ अभ्यास में नागरिक सुरक्षा, पुलिस, एनसीसी कैडेट और छात्रों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
मथुरा में हवाई हमलों के बाद, मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के सहायक आयुक्त ए के सिंह ने राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) अधिकारियों के साथ सभी प्रमुख प्लेटफार्म का निरीक्षण किया और ट्रेन और स्टेशन परिसर में सतर्कता और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए।
कानपुर में 24 से अधिक स्थानों पर ‘मॉक ड्रिल’ की गई, जिसमें पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा पैदल गश्त और भीड़ वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया।
झांसी में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने रिजर्व पुलिस लाइन में अभ्यास का निरीक्षण किया। उन्होंने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा, ‘घबराने की कोई जरूरत नहीं है।’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अभ्यास का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और तत्परता सुनिश्चित करना है।
बलिया में, एसडीआरएफ, दमकल, एनसीसी और स्काउट एंड गाइड इकाइयों ने आपातकालीन चिकित्सा प्रतिक्रिया, अग्निशमन और सार्वजनिक सुरक्षा जागरूकता का प्रदर्शन किया।
पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य आपात स्थितियों के लिए तैयार रहना है – चाहे युद्ध हो, आतंकी हमला हो या कोई अन्य संकट।’’
बाराबंकी में, नगरपालिका क्षेत्रों में रात 9 बजे से 9:15 बजे तक ‘ब्लैकआउट ड्रिल’ निर्धारित की थी। नागरिकों को लाउडस्पीकर के माध्यम से इनवर्टर और जनरेटर सहित सभी लाइट बंद करने और युद्धकालीन ‘ब्लैकआउट’ स्थितियों का अनुकरण करने के लिए वाहनों को रोकने की सलाह दी गई।
जिला मजिस्ट्रेट शशांक त्रिपाठी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में तैयारियों की समीक्षा की।
सोनभद्र में, जिलाधिकारी बी एन सिंह और पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीना की देखरेख में स्वामी हरसेवानंद पब्लिक स्कूल में अभ्यास आयोजित किया गया। स्कूली बच्चों और आम जनता के सामने अग्नि सुरक्षा, सीपीआर और नागरिक सुरक्षा प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया गया। अधिकारियों ने हवाई हमले की स्थिति में ब्लैकआउट प्रोटोकॉल और निकासी सिखाने पर जोर दिया।
देवरिया में एनसीसी, रेड क्रॉस, अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को शामिल करते हुए एक एकीकृत अभ्यास आयोजित किया गया। मौके पर कृत्रिम आग की स्थिति से निपटा गया, जिसमें समय पर प्राथमिक उपचार और एम्बुलेंस सेवाओं का प्रदर्शन किया गया।
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने खुद आपातकालीन सिग्नल चालू किया और त्वरित प्रतिक्रिया की प्रशंसा की।
मऊ में, पुलिस लाइन में एक विशेष अभ्यास आयोजित किया गया, जिसमें इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि स्कूली बच्चों और एनसीसी कैडेट को युद्ध के दौरान कैसे काम करना चाहिए। अधिकारियों ने छात्रों को आपातकालीन हेल्पलाइन, अग्निशमन की बुनियादी बातों और आत्म-सुरक्षा उपायों के बारे में निर्देश दिए।
भाषा सं जफर संतोष अमित
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