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Sunday, 7 July, 2024
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नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने बोले- अगस्त से पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ान फिर से शुरू करने की कोशिश करेंगे

पुरी ने कहा कि श्रीलंका में फंसे भारतीयों को वंदेभारत मिशन के तहत पोतों या विमानों से वापस लाए जाने की योजना बनाई जा रही है.

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नई दिल्ली : घरेलू उड़ान सेवाएं 25 मई से बहाल करने की घोषणा करने के तीन दिन बाद नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि भारत अगस्त से पहले अच्छी-खासी संख्या में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को फिर से शुरू करने की कोशिश करेगा.

कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे विभिन्न राज्यों ने अपने यहां घरेलू उड़ानों से आने वाले यात्रियों के लिए पृथक-वास के उपायों की घोषणा की है, लेकिन मंत्री ने कहा कि अगर आरोग्य सेतु ऐप में किसी यात्री की स्थिति ‘हरी’ (स्वस्थ) नजर आ रही है तो उसे पृथक-वास में रखने की कोई जरूरत नहीं है.

मंत्री ने एक ‘फेसबुक लाइव’ सत्र के दौरान एक बार फिर स्पष्ट किया कि हवाई यात्रियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप जरूरी नहीं है और इसकी जगह वे एक स्वघोषित फॉर्म दे सकते हैं.

उन्होंने स्वीकार किया कि कोरोनावायरस महामारी के बीच कुछ राज्यों ने सोमवार से घरेलू सेवा शुरू करने की जरूरत को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ हिचकिचाहट की उम्मीद थी और केंद्र भी उनकी चिंताओं को दूर करने का प्रयास कर रहा है.

पुरी ने सत्र के दौरान कहा, ‘मैं इसकी तारीख (अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की) नहीं बता सकता. लेकिन यदि कोई व्यक्ति कहता है कि क्या यह अगस्त या सितंबर तक हो सकता है, तो मेरा जवाब होगा कि इससे पहले क्यों नहीं और यह यह स्थिति पर निर्भर करता है.’

अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने की मंत्री की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर विमानन कंपनी विस्तार ने कहा कि वह नागर विमानन मंत्रालय के दिशानिर्देशों का इंतजार करेगी, अन्य एयरलाइंस ने इस मामले में प्रतिक्रिया नहीं दी.

पुरी ने कहा, ‘मुझे पूरी उम्मीद है कि अगस्त या सितंबर से पहले हम पूर्ण रूप से ना सही, लेकिन अच्छी-खासी संख्या में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन को फिर से शुरू करने की कोशिश करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘हमारा ज्यादा महत्वाकांक्षी लक्ष्य (अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संदर्भ में) होना चाहिए, क्यों नहीं उन्हें जून मध्य या जून के अंत या जुलाई में शुरू करें.’

कोरोनावायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये केंद्र ने 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया था और तब से सरकार ने सभी वाणिज्यिक यात्री उड़ान सेवाएं स्थगित कर दी थी.

पुरी ने कहा कि सात मई को शुरू हुए वंदे भारत मिशन के तहत इस महीने के अंत तक हम विदेशों में फंसे करीब 50 हजार भारतीय नागरिकों को विशेष विमानों के जरिए वापस ला पाएंगे.

उन्होंने कहा कि इस मिशन के जरिये सात मई से 21 मई के बीच एअर इंडिया और उसकी सहायक एअर इंडिया एक्सप्रेस करीब 23 हजार भारतीयों को वापस लेकर आई.

पुरी ने कहा कि श्रीलंका में फंसे भारतीयों को वंदेभारत मिशन के तहत पोतों या विमानों से वापस लाए जाने की योजना बनाई जा रही है.

मंत्री ने कहा कि यदि किसी यात्री के पास स्मार्टफोन नहीं है तो आरोग्य सेतु ऐप नहीं होने के चलते किसी को यात्रा करने से रोका नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, ‘हमनें कहा है कि यह एक परामर्श है, ऐसा हो तो अच्छा है.अगर आपके पास आरोग्य सेतु ऐप नहीं है तो आप स्व-घोषित फॉर्म दे सकते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अगर आपके पास आरोग्य सेतु ऐप है और अगर आपने अपनी कोविड-19 जांच कराई, जिसमें संक्रमण नहीं मिला और आपके कोई लक्षण नहीं हैं तो मुझे लगता है कि पृथक-वास की कोई आवश्यकता नहीं है.’

यह ऐप उपयोगकर्ता के स्वास्थ्य की स्थिति और यात्रा के विवरण के आधार पर रंगों से कूट स्थिति दर्शाता है. इससे उपयोगकर्ता को यह जानने में मदद मिलती है कि कहीं वह किसी ऐसे व्यक्ति के करीब तो नहीं है जो वायरस से संक्रमित हो.

पुरी ने कहा अगर किसी यात्री के पास ऐप नहीं है तो वह यात्रा से दो-तीन दिन पहले अपनी जांच करा कर चिकित्सा प्रमाण-पत्र हासिल कर सकता है और फॉर्म में यह लिख सकता है कि वह कोविड-19 संक्रमित नहीं है.

तमिलनाडु सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए 25 मई से घरेलू उड़ानों को शुरू किये जाने पर चिंता जाहिर की थी.

पुरी ने कहा कि अधिकतर राज्य जहां तैयार हैं, वहीं कुछ राज्यों ने उनके ‘वरिष्ठ सहयोगियों’ (मंत्रियों) से बात कर घरेलू उड़ानों को इतनी जल्दी शुरू करने की जरूरत पर सवाल उठाए थे.

सत्र के दौरान मंत्री ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि केंद्र इसे दो-तीन दिन और टाल सकता था. इसलिये उन्होंने (मंत्रियों ने) राज्यों से लिखित में अपनी चिंताएं भेजने को कहा। राज्यों ने लेकिन ऐसा नहीं किया.’

उन्होंने कहा, ‘यह चलता रहेगा. जब हम ऐसी स्थिति से जूझ रहे हैं, तो हमें उम्मीद करनी चाहिए कि कुछ हिचकिचाहट होगी. लेकिन यह हमारी (केंद्र की) जिम्मेदारी है कि उन चिंताओं को दूर करने के हर संभव प्रयास करें.’

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