छत्रपति संभाजीनगर, 17 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने आगामी महानगर पालिका चुनाव और मकर संक्रांति के एक ही दिन पड़ने का हवाला देते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के ‘पतंग’ चुनाव चिह्न पर रोक लगाने की मांग की।
एआईएमआईएम नेता इम्तियाज जलील ने इस मांग को खारिज करते हुए इसे ‘हास्यास्पद’ बताया।
शिरसाट ने मंगलवार को एक मराठी समाचार चैनल से कहा कि वह अपनी मांग को लेकर निर्वाचन आयोग से संपर्क करेंगे।
मुंबई समेत महाराष्ट्र की 29 महानगर पालिकाओं के लिए मतदान 15 जनवरी को होगा और मतगणना 16 जनवरी को की जाएगी।
मकर संक्रांति, जिसे भारत के कई हिस्सों में व्यापक रूप से पतंग उत्सव के रूप में जाना जाता है, 14 जनवरी को मनाई जाएगी।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से जुड़े शिरसाट ने कहा, “निर्वाचन आयोग को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। मैं भी आयोग से संपर्क करूंगा। अगर कोई भी चीज मतदाताओं को प्रभावित करती है, तो निर्वाचन आयोग को उस पर रोक लगानी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम का पतंग चिह्न रद्द किया जाना चाहिए।
शिरसाट ने कहा, “मैं प्रतिबंध की इसलिए मांग कर रहा हूं क्योंकि मकर संक्रांति के दौरान पतंग उड़ाने का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में किया जा सकता है। त्योहार के बिना यह मुद्दा उठता ही नहीं।”
इम्तियाज जलील ने शिरसाट की मांग को हास्यास्पद बताया।
उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री से यह अनुरोध करूंगा कि इस व्यक्ति (शिरसाट) को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।” जलील ने कहा कि मकर संक्रांति के आसपास महानगर पालिका चुनाव होना महज एक संयोग है।
उन्होंने कहा, “मैं इस साल पतंग जरूर उड़ाऊंगा। चूंकि यह एक हिंदू त्योहार है, इसलिए मैं चाहूंगा कि वह (शिरसाट) भी पतंग उड़ाएं।”
महायुति सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) के चुनाव चिह्न घड़ी को लेकर इशारा करते हुए एआईएमआईएम नेता ने शिवसेना और भाजपा नेताओं से अगले महीने तक “घड़ी” न पहनने की “अपील” की।
जलील का इशारा “घड़ी” महायुति सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का चिह्न है।
उन्होंने पूछा, “वे (शिरसाट) अपनी चुनावी हार के लिए बहाने ढूंढ रहे हैं। कमल भाजपा का चिह्न है। इस तर्क के आधार पर, क्या एक महीने के लिए पौधारोपण पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।”
भाषा जितेंद्र पवनेश
पवनेश
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