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Friday, 1 November, 2024
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चौरी-चौरा से दिल्ली तक पैदल मार्च के दौरान गिरफ्तार नागरिक सत्याग्रही जेल में ही भूख हड़ताल पर बैठे

नागरिक सत्याग्रहियों का चौरी चौरा (गोरखपुर) से राजघाट (दिल्ली) तक एक पैदल मार्च है जो कि कुछ युवा एक्टिविस्ट निकाल रहे हैं.

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लखनऊ: गोरखपुर के चौरी चौरा से दिल्ली के बीच पैदल मार्च के दौरान गिरफ्तार 10 नागरिक सत्याग्रहियों ने गाजीपुर जेल के अंदर ही भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. इनकी ये हड़ताल अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ है. नागरिक सत्याग्रही चौरी चौरा (गोरखपुर) से राजघाट (दिल्ली) तक एक पैदल मार्च है जो कि कुछ युवा एक्टिविस्ट निकाल रहे थे. उन्हें 11 फरवरी को गाजीपुर में गिरफ्तार किया गया था.

नागरिक सत्याग्रह टीम से जुड़े बीएचयू स्टूडेंट विकास सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि 11 फरवरी को उनके साथियों की जब गिरफ्तारी हुई तब तक वे 250 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी कर चुके थे. विकास के मुताबिक, इन 10 लोगों में एक महिला पत्रकार, छात्र और एक सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं. हिंदू-मुस्लिम एकता बनाए रखने और गांधी के विचारों को फैलाने की बात कर रहे थे. जबकि गाजीपुर पुलिस की ओर से कहा गया कि इस यात्रा की परमिशन नहीं ली गई थी और जिले में धारा 144 लागू है. एफआईआर में उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा सीएए और एनआरसी के खिलाफ है.


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कल शाम से लोकल इंटेलीजेंस और पुलिस यात्रियों के चक्कर काट रही है, तस्वीरें खींच रही है, वीडीयो उतार रही है. स्टेट इतना डरा हुआ कि चंद लोगों को शांति और सौहार्द की बात करते हुए नहीं देख पा रहा है. यह यात्रा एक पाठशाला है, जहां महज़ पैदल चलते हुए हम सीखते हैं कि कोई जगह कश्मीर कैसे बनती है.

कल शाम से लोकल इंटेलीजेंस और पुलिस यात्रियों के चक्कर काट रही है, तस्वीरें खींच रही है, वीडीयो उतार रही है। स्टेट इतना…

Pradeepika Saraswat यांनी वर पोस्ट केले रविवार, ९ फेब्रुवारी, २०२०

महिला पत्रकार प्रदीपिका ने गिरफ्तारी से पहले फेसबुक पर अपने पेज पर लिखा भी है- ‘कल शाम से लोकल इंटेलीजेंस और पुलिस यात्रियों के चक्कर काट रही है, तस्वीरें खींच रही है, वीडीयो उतार रही है. राज्य इतना डरा हुआ कि चंद लोगों को शांति और सौहार्द की बात करते हुए नहीं देख पा रहा है.’

टीम नागरिक सत्याग्रह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गाजीपुर के सदर एसडीएम ने 5 लाख रुपये जमानत बांड और 2 सरकारी अधिकारियों को जमानत के लिए गारंटर के रूप में जमानत देने का आदेश पारित किया था जिसके बाद जेल के अंदर इन सत्याग्रहियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी जो कि अब तक जारी है. गाजीपुर पुलिस के जेल अधीक्षक को संबोधित पत्र में उन्होंने कहा है- ‘हम चौरी चौरा से राजघाट दिल्ली तक शांतिपूर्ण पैदल मार्च कर रहे थे. यूपी पुलिस ने बिना किसी आधार के हमें गिरफ्तार करके हमारे बुनियादी मानवाधिकारों का हनन किया है.’

टीम के ओर से मीडिया को जारी शेड्यूल में बताया गया है कि ये यात्रा 2 फरवरी से शुरू हुई थी. लगभग 200 किमी की पदयात्रा करके ये लोग गाजीपुर पंहुचे थे जहां 11 फरवरी को इनकी गिरफ्तारी कर ली गई.


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यात्रा का पहला चरण बनारस में 16 फरवरी 2020 को सम्पन्न होना तय था. आगे के लिए बनारस से कानपुर जाने की तैयारी थी.

यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय लल्लू ने ट्वीट कर इन सत्याग्रहियों की रिहाई की अपील की है. उन्होंने लिखा है, ‘गांधी संदेश यात्रा को लेकर चौरी-चौरा से राजघाट दिल्ली तक जा रहे सत्याग्रहियों को उप्र सरकार ने जेल भेज दिया हैं. यह कृत्य दिखाता है कि भाजपा युवाओं व उनके प्रतिरोध से डरती है. सरकार को यह जान लेना चाहिए कि वो गांधीवादी लोगों को अपनी सत्ता से डरा नहीं सकती.’

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