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बुधवार, 4 जून, 2025
होमदेशबस्तर के IG ने पेश की मिसाल, कहा — CPI (M) को बसवराजू के बाद नया महासचिव मिलने की संभावना नहीं

बस्तर के IG ने पेश की मिसाल, कहा — CPI (M) को बसवराजू के बाद नया महासचिव मिलने की संभावना नहीं

आईजी ने दिप्रिंट को दिए इंटरव्यू में यह बात कही. यह बात सुरक्षा बलों द्वारा अबूझमाड़ में 3 दिन तक चली मुठभेड़ में बसवराजू और 26 अन्य माओवादियों को मार गिराने के 10 दिन बाद आई है.

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जगदलपुर: बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदर राज पट्टिलिंगम ने दिप्रिंट को दिए एक विशेष इंटरव्यू में कहा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का कोई भी कार्यकर्ता अपने मारे गए महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ ​​बसवराजू की जगह लेने के लिए आगे नहीं आएगा.

यह दावा नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवानों सहित सुरक्षा बलों द्वारा अबूझमाड़ में तीन दिवसीय मुठभेड़ में बसवराजू और 26 अन्य माओवादियों को मार गिराने के 10 दिन बाद आया है.

उदाहरण के तौर पर आईजी ने इस तथ्य का हवाला दिया कि सीपीआई (माओवादी) के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के सचिव रमन्ना की मौत के छह साल बाद भी उसकी जगह लेने के लिए कोई स्पष्ट नाम सामने नहीं आया है. रमन्ना की कथित तौर पर 2019 में बीजापुर के जंगलों में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी.

पट्टिलिंगम ने कहा, “सीपीआई (माओवादी) के महासचिव बसवराजू के जाने के बाद, मुझे नहीं लगता कि कोई और कैडर उस पद को लेने के लिए आगे आएगा क्योंकि, 2019 में हमने देखा है कि डीकेएसजेडसी के महासचिव रमन्ना के निधन के बाद, पिछले लगभग छह वर्षों से कोई भी उस पद को लेने के लिए आगे नहीं आया है.”

उन्होंने कहा, “हालांकि, हो सकता है कि कोई व्यक्ति सचिव के रूप में कार्य कर रहा हो, लेकिन माओवादी संगठनों की ओर से कोई आधिकारिक मैसेज नहीं आया है…किसी को भी डीकेजेडएससी के सचिव के रूप में नामित करने के लिए.”

बस्तर संभाग के सबसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पट्टिलिंगम, क्षेत्र के सात जिलों में से कम से कम पांच में किए गए नक्सल विरोधी अभियानों की देखरेख करते हैं. इसमें नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बस्तर जिले शामिल हैं.

उन्होंने कहा, “मैं सीपीआई (माओवादी) महासचिव के लिए भी यही परिदृश्य देख रहा हूं क्योंकि यह संगठन अपने अंत का सामना कर रहा है और अपनी अंतिम सांसें ले रहा है. सीपीआई (माओवादी) के महासचिव के पद को भरने के लिए कोई भी आगे नहीं आएगा.”

उन्होंने आगे कहा, “यह कोई संवैधानिक पद नहीं है. यह कोई संवैधानिक निकाय नहीं है. पूरा सीपीआई (माओवादी) संगठन एक प्रतिबंधित, अवैध संगठन है. इसे किसी नेतृत्व की ज़रूरत नहीं है.”

“अज्ञात आगे आएंगे और यह पूरा संगठन पहले से ही भयानक स्थिति में है. इसका मनोबल अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. उन्हें कार्यकर्ताओं से बहुत अधिक दलबदल का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए पूरा संगठन बहुत खराब स्थिति में है.”

(इस इंटरव्यू को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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