जयपुर, नौ मार्च (भाषा) राजस्थान के आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले के एक गांव में रविवार को एक चर्च को हिंदू मंदिर में बदल दिया गया और वहां एक हिंदू देवता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी गई।
इसके साथ ही सालों पहले ईसाई धर्म को अपनाने वाले गांव के लोग भी हिंदू धर्म में वापस आ गए।
बांसवाड़ा के पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन के अनुसार, चर्च का पादरी गौतम गरासिया अब मंदिर का पुजारी होगा। उन्होंने बताया कि उसने सालों पहले ईसाई धर्म अपना लिया था और गांगड़तलाई क्षेत्र के सोडला गुदा गांव में चर्च का निर्माण कराया था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘‘ करीब डेढ़ साल पहले उसने अपनी निजी जमीन पर चर्च बनवाया था। आज उसने कहा कि हिंदू धर्म में लौटने के बाद उसकी निजी जमीन पर निर्मित ढांचा भी अब मंदिर बन गया है।’’
जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित गांव के निवासी गरासिया ने कहा कि उसके गांव के अधिकतर लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया था लेकिन अब वे अपनी ‘इच्छानुसार’ हिंदू धर्म में लौट आए हैं।
उसने बताया कि रविवार को मंदिर में भगवान भैरव की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व ‘जय श्री राम’ के नारों के साथ मूर्ति को सिर पर रखकर एक जुलूस भी निकाला गया।
गरासिया ने कहा कि गांव वालों के हिंदू धर्म में लौटने के बाद उन्होंने ‘सर्वसम्मति’ से चर्च को भैरव मंदिर में तब्दील करने का फैसला किया और उसके बाद ढांचे को गेरूए रंग में रंग दिया गया। साथ ही उसके ऊपर लगा ‘क्रास’ भी हटा दिया गया।
दीवारों पर हिंदू धार्मिक प्रतीक भी चित्रित किए गए।
इस दौरान इलाके में पुलिस बल को भी तैनात किया गया था।
गौतम गरासिया ने कहा कि अब से रविवार की प्रार्थना के बजाय मंदिर में हर सुबह और शाम भगवान भैरव की ‘आरती’ होगी।
भाषा कुंज नेत्रपाल नरेश
नरेश
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