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Thursday, 20 November, 2025
होमदेशप्रत्यर्पण के खिलाफ चोकसी की अपील पर नौ दिसंबर को बेल्जियम के उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होगी

प्रत्यर्पण के खिलाफ चोकसी की अपील पर नौ दिसंबर को बेल्जियम के उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होगी

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(अभिषेक शुक्ला)

नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के अपने प्रत्यर्पण को चुनौती देने संबंधी मामले की सुनवाई नौ दिसंबर को बेल्जियम के उच्चतम न्यायालय ‘कोर्ट ऑफ कैसेशन’ में होगी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

चोकसी ने बेल्जियम के उच्चतम न्यायालय में 17 अक्टूबर को एंटवर्प की अपीलीय अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को ‘लागू करने योग्य’ करार दिया गया था।

‘पीटीआई’ द्वारा भेजे गए प्रश्नों के उत्तर में एडवोकेट जनरल हेनरी वेंडरलिंडन ने कहा कि ‘कोर्ट ऑफ कैसेशन’ नौ दिसंबर को मामले की सुनवाई करेगा।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उच्चतम न्यायालय केवल ‘‘कानूनी पहलुओं’’ पर अपीलीय अदालत के फैसले की पड़ताल करता है, जैसे कि क्या अपीलीय अदालत ने कानूनी प्रावधानों को सही ढंग से लागू किया है और क्या उन्होंने सही प्रक्रिया का पालन किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, नए तथ्य या साक्ष्य पेश नहीं किए जा सकते।’’

वेडरलिंडन ने कहा, ‘‘कार्यवाही, संक्षेप में, लिखित होती है। नियमानुसार, सभी मामलों की सुनवाई होती है। यदि न्यायालय अपील स्वीकार करने से इनकार करता है, तो यह कानूनी आधार पर होगा। उदाहरण के लिए, जिस व्यक्ति ने शिकायत दर्ज की थी, उसके पास ऐसा करने की कानूनी क्षमता नहीं थी।’’

उन्होंने कहा कि पक्षकारों को अपनी शिकायतें ‘‘उसी समय’’ लिखित रूप में बतानी चाहिए जब वे न्यायालय में अपील करें। उन्होंने ‘कोर्ट ऑफ कैसेशन’ की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘वे कोई अन्य शिकायत नहीं जोड़ सकते। सुनवाई के दौरान, वे अपनी शिकायतों को विस्तार दे सकते हैं, लेकिन इसके अलावा कुछ नहीं।’’

सत्रह अक्टूबर को एंटवर्प की अपीलीय अदालत के चार सदस्यीय अभियोग कक्ष ने जिला अदालत के ‘प्री-ट्रायल’ कक्ष द्वारा 29 नवंबर 2024 को जारी आदेशों में कोई खामी नहीं पाई। अदालत ने मुंबई की विशेष अदालत द्वारा मई 2018 और जून 2021 में जारी गिरफ्तारी वारंटों को ‘लागू करने योग्य’ करार दिया था, जिससे मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त हो गया।

अपीलीय अदालत ने फैसला सुनाया था कि 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी भगोड़े चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर निष्पक्ष सुनवाई से वंचित किए जाने या दुर्व्यवहार का सामना किए जाने का “कोई खतरा” नहीं है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने आरोप-पत्र में आरोप लगाया है कि 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में अकेले चोकसी ने 6,400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है।

घोटाले का पता चलने से कुछ दिन पहले जनवरी 2018 में एंटीगुआ और बारबुडा भाग गए चोकसी को बेल्जियम में देखा गया, जहां वह कथित तौर पर इलाज कराने के लिए पहुंचा था।

भारत ने मुंबई की विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर 27 अगस्त, 2024 को बेल्जियम को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा।

भारत ने चोकसी की सुरक्षा, भारत में मुकदमे के दौरान उसके सामने आने वाले आरोपों, जेल व्यवस्था, मानवाधिकारों और चिकित्सा आवश्यकताओं के संबंध में बेल्जियम को कई आश्वासन दिए हैं।

अपीलीय अदालत ने फैसला सुनाया था कि चोकसी (66) को भारत प्रत्यर्पित किये जाने पर निष्पक्ष सुनवाई से वंचित किये जाने या उसके साथ दुर्व्यवहार किये जाने का कोई खतरा नहीं है।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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