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Monday, 23 December, 2024
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चिन्मयानंद से वसूली के मामले के तार भाजपा उपाध्यक्ष के भाई से जुड़े, एसआईटी सबूत खंगालने में जुटी

एसआईटी ने दो दिन पूछताछ के बाद भाजपा नेता को छोड़ दिया. हालांकि उनका लैपटॉप और पेन ड्राइव सील करके फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है.

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लखनऊ : पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद से वसूली के मामले के तार यूपी भाजपा उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर के भाई डीपीएस राठौर से जुड़ रहे हैं. इस मामले में एसआईटी ने डीपीएस राठौर का लैपटॉप और एक पेन ड्राइव जब्त कर लिया है. माना जा रहा है कि घटना से संबंधित वीडियो क्लिप लैपटॉप में है. चिन्मयानंद द्वारा दर्ज वसूली मामले में संदिग्ध भूमिका के लिए राठौर से एसआईटी ने रविवार को 12 घंटे तक पूछताछ की थी.

कौन हैं डीपीएस राठौर

डीपीएस राठौर भाजपा के यूपी उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर के भाई हैं. डीपीएस शाहजहांपुर में भाजपा के सक्रिय नेता के तौर पर जाने जाते हैं. वह शाहजहांपुर में जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन भी हैं. इसके अलावा भाजपा के कार्यक्रमों में अक्सर मंच पर देखे जाते हैं. सूत्रों के मुताबिक वह राजस्थान के दौसा में भी मौजूद थे, जहां एसआईटी की टीम ने 30 अगस्त को मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के निकट आरोप लगाने वाली छात्रा को बरामद किया था. वहीं, उनके करीबी माने जाने वाले एक अन्य नेता अजीत सिंह से भी एसआईटी पूछताछ कर सकती है.

दरअसल, अजीत वसूली मामले के आरोपी विक्रम के साले हैं. डीपीएस सिंह ने मीडिया को बताया कि वह दौसा कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के आग्रह पर लापता छात्रा की तलाश में सहायता करने गए थे. उन्होंने ये भी कहा कि उस समय उनके साथ एक अन्य बीजेपी नेता अजीत सिंह थे. उनके मुताबिक, ‘मैं प्रशासन का सहयोग करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन लग रहा है कि एसआईटी को कुछ गलतफहमी हो गई थी.’

कुछ अन्य भाजपा नेताओं से भी हो सकती है पूछताछ

एसआईटी ने दो दिन पूछताछ के बाद भाजपा नेता को छोड़ दिया. हालांकि उनका लैपटॉप और पेन ड्राइव सील करके फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है. एसआईटी को आशंका है कि भाजपा नेता के लैपटॉप व पेन ड्राइव में चिन्मयानंद प्रकरण से जुड़े कुछ सबूत मिल सकते हैं. वहीं, इसी मामले में एसआईटी टीम ने दादरौल विधानसभा से पूर्व विधायक डीपी सिंह को पूछताछ के लिए समन भेजा है. सूत्रों की मानें तो इस मामले के तार एक बड़े भाजपा नेता से भी जुड़े हो सकते हैं, जिनके चिन्मयानंद से संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में काफी खटास आई है.


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छात्रा से पूछताछ के बाद सबूत खंगालने में जुटी एसआईटी

चिन्मयानंद से वसूली के मामले में पीड़िता समेत उसके दोस्त संजय सिंह, सचिन और विक्रम जेल में हैं. चारों पर चिन्मयानंद को ब्लैकमेल कर 5 करोड़ रुपए मांगने का आरोप है. सूत्रों के मुताबिक जेल में छात्रा से पूछताछ के दौरान कुछ अहम सामान विक्रम के रिश्तेदार के घर रखने की बात बताई. इसके बाद एसआईटी ने विक्रम के रिश्तेदार के घर जाकर तलाशी ली. तलाशी के दौरान एसआईटी को सबूत के तौर पर कुछ सामान और दस्तावेज भी मिले हैं, जिन्हें कब्जे में ले लिया गया है.

जानकारी के मुताबिक मुमुक्षु आश्रम और बरेली मोड़ के बीच चिन्मयानंद से पांच करोड़ की फिरौती मांगने के आरोपी विक्रम के नजदीकी रिश्तेदार का घर है, जहां विक्रम और छात्रा का खासा जाना आना था. रिपोर्ट के मुताबिक छात्रा ने एसएस लॉ कॉलेज का हॉस्टल खाली करने पर अपना सामान विक्रम के रिश्तेदार के घर ही रखा था. चिन्मयानंद प्रकरण सामने आने पर कुछ सामान और दस्तावेज नाले में फेंक दिए गए थे. बीते शनिवार को एसआईटी ने कोतवाली पुलिस और नगर निगमकर्मियों के जरिए नाले के अंदर से सामान और दस्तावेज निकाले थे. विक्रम की रिश्तेदार महिला से पूछताछ भी की गई थी.


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क्या हुआ मामले में अब तक

बता दें कि 24 अगस्त को पीड़िता ने स्वामी चिन्मयानंद पर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया. इसके बाद वह गायब हो गई. पीड़िता के पिता की तहरीर पर मीडिया में खबरें आने के बाद एफआईआर दर्ज हुई. इस एफआईआर में चिन्मयानंद पर रेप की धारा नहीं लगी. बीते 20 सितंबर को एसआईटी जांच के बाद चिन्मयानंद पर धारा 376(सी) के तहत कार्रवाई की गई. इसके बाद तुरंत चिन्मयानंद अस्पताल में भर्ती हो गए पीड़ित छात्रा को वसूली के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. डिस्चार्ज होने के बाद उनको भी जेल भेज दिया गया. दोनों फिलहाल जेल में हैं.

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