नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी किए जाने में कथित अनियमितता के सिलसिले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया है। यह कथित घोटाला उस समय हुआ, जब कार्ति के पिता पी. चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि संघीय एजेंसी ने इसी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हालिया प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि यह मामला कार्ति चिदम्बरम और उनके करीबी एस. भास्कररमन को वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा 50 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने के आरोपों से संबंधित है। यह कंपनी (टीएसपीएल) पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी।
सीबीआई ने पिछले हफ्ते चिदम्बरम परिवार के परिसरों पर छापे मारे थे और भास्कररमन को गिरफ्तार किया था। संभावना है कि कार्ति चिदम्बरम भी पूछताछ के लिए उसके सामने पेश होंगे।
यह आईएनएक्स मीडिया एवं एयरसेल-मैक्सिस मामलों के बाद कार्ति चिदम्बरम के विरुद्ध धनशोधन का तीसरा मामला है। ईडी पिछले कुछ सालों से आईएनएक्स मीडिया एवं एयरसेल-मैक्सिस धनशोधन मामलों की जांच कर रही है।
अधिकारियों ने कहा कि ईडी ‘‘अपराध’’ से हुई उन संभावित आमदनी की जांच करेगा, जो वीजा मामले में कथित अवैध गतिविधि से मिली हो। उन्होंने कहा कि जांच के तहत आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।
कार्ति चिदंबरम ने सभी आरोपों का खंडन किया है और मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘अगर यह उत्पीड़न नहीं है, व्यक्ति विशेष के खिलाफ कार्रवाई नहीं है, तो क्या है।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे अपने महान देश की न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है और भरोसा है कि यह संगठन सच्चाई के साथ खड़ा होगा। इन बातों से मैं डरने वाला नहीं हूं कि केंद्र सरकार दुभार्वनापूर्ण एवं मनगढंत आरोप मुझपर मढ़ने के लिए एक बार फिर अपनी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।’’
तमिलनाडु के शिवगंगा से सांसद कार्ति चिदम्बरम ने कहा, ‘‘पहले एजेंसियां एक विचाराधीन संदिग्ध हत्या आरोपी के बयान के आधार पर मेरे पीछे पड़ गयी। अब वे एक मृत व्यक्ति के कथित कृत्यों पर फर्जी आरोपों का ढोल पीट रही हैं, जबकि उस व्यक्ति से मैं कभी मिला ही नहीं। मेरे मार्फत मेरे पिता को निशाना बनाने के उनके हर निहित प्रयास का मुकाबला जारी रखने का मेरा इरादा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पक्का है कि 250 तो क्या, मैंने एक भी चीनी नागरिक को वीजा दिलाने में मदद नहीं की।’’
सीबीआई का कहना है कि विद्युत परियोजना स्थापित करने का कार्य एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था और निर्माण कार्य निर्धारित समय से पीछे चल रहा था।
उसने अपने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि टीएसपीएल का एक कार्यकारी 263 चीनी श्रमिकों के लिए परियोजना वीजा फिर से जारी करवाना चाह रहा था, जिसके लिए कथित रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत दी गयी थी। एजेंसी का आरोप है कि टीएसपीएल के तत्कालीन उपाध्यक्ष विकास मखारिया ने इसके लिए कार्ति चिदम्बरम के ‘खास सहयोगी’ भास्कररमन से संपर्क किया ।
कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने तलवंडी साबो पावर लिमिटेड प्रोजेक्ट में काम करने वाले चीनी इंजीनियरों के लिए रिश्वत लेकर वीजा जारी कराया था। इस मामले में सीबीआई ने नया मामला दर्ज किया है। इसी सिलसिले में 17 मई को कार्ति चिदंबरम के चेन्नई, मुंबई, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, ओडिशा में स्थित करीब नौ ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे थे।
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