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Wednesday, 18 December, 2024
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टिड्डियों से लड़ने के लिए चीनी प्रशासन ने उतारी एक लाख ‘बत्तखों की फौज़’

पाकिस्तान और भारत में फसलों को बर्बाद करने के बाद टिड्डियों ने चीन की तरफ रुख किया है.

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नई दिल्ली: चीनी प्रशासन ने टिड्डियों से किसानों को हो रही परेशानी से निपटने के लिए एक नया तरीका खोज निकाला है. चीन ने टिड्डियों के खिलाफ एक लाख बत्तखों की फौज उतारी है.

टिड्डियां पहले ही पाकिस्तान समेत भारत के राजस्थान और गुजरात के कई इलाकों में फसलों को बर्बाद कर चुका है. अब ये चीन पहुंच गया है.

चीन द्वारा चलाई जाने वाली वेबसाइट सीजीटीएन ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें दिख रहा है कि हज़ारों बत्तख सड़कों पर हैं.

रिपोर्टों के अनुसार, बत्तखों की ये फौज़ 400 बिलियन टिड्डियों का मुकाबला करेंगी जो भारत-पाकिस्तान सीमा से चीन तक आया है. हर एक बत्तख 4 स्क्वायर मीटर जमीन को नियंत्रित कर सकता है और टिड्डियों को खा सकता है.

टिड्डियों द्वारा किया जा रहा हमला मध्य पूर्व से शुरू हुआ है. भारत में 1.68 लाख हेक्टेयर के करीब जमीन टिड्डियों द्वारा प्रभावित हुई है जिसमें राजस्थान और गुजरात सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

जबकि पाकिस्तान ने टिड्डियों के आक्रमण को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है.

मध्य पूर्व से शुरू हुआ ये झुंड पूर्वी अफ्रीकी देशों में खाद्य संकट का भी कारण बन चुका है.

हालांकि चीन ने दावा किया है कि वो इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. देश ने पहले भी बत्तखों का इस्तेमाल टिड्डियों से निपटने के लिए किया है. नर्म मौसम के कारण टिड्डियों ने शिनजियांग में जून 2018 में हमला किया था. प्रशासन ने एक हज़ार बत्तखों को इनसे निपटने के लिए उतारा था.

टिड्डियों को फ्राई करके खाना चीन का लजीज व्यंजन है. इसलिए फसल खराब होने के बाद भी किसान टिड्डियों को बेचते हैं

विशेषज्ञ मौसमी बदलाव को टिड्डियों के आक्रमण का कारण बता रहे हैं.

मई 2018 में चक्रवात मेकुनु की चपेट में आने के बाद, सऊदी अरब, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और यमन के ऊपर फैले रेगिस्तान के विभिन्न हिस्सों में बारिश का पानी इकट्ठा हो गया था. इसने रेगिस्तानी टिड्डों के लिए अनुकूल प्रजनन की स्थिति बनाई.

उस वर्ष अक्टूबर में, अरब प्रायद्वीप साइक्लोन ल्यूबन से टकराया था, जिसने टिड्डियों के प्रजनन के लिए और अधिक अनुकूल परिस्थितियां बनाईं. भोजन की तलाश में, इन टिड्डियों ने तब हरी भरी हुई सीमाओं के पार उड़ान भरी, जो कि उसके रास्ते में आने वाले हरे रंग की थी.

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