scorecardresearch
Sunday, 3 November, 2024
होमदेशचीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग G20 में शामिल होने के लिए नहीं आएंगे भारत, पुतिन भी कर चुके हैं न

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग G20 में शामिल होने के लिए नहीं आएंगे भारत, पुतिन भी कर चुके हैं न

शी की तरफ से, नई दिल्ली में होने वाली बैठक में चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के बीजिंग का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद है.

Text Size:

नई दिल्ली : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले सप्ताह दिल्ली में होने वाली जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने की संभावना नहीं है, रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन मामले से परिचित सूत्रों ने यह खुलासा किया है. वहीं इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी बैठक में अपने प्रतिनिधि को भेजने की बात कही है और पीएम मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की थी.

शी की तरफ से, 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाली बैठक में चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के बीजिंग का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद है, दो भारतीय अधिकारियों के अनुसार, एक राजयनयिक जो कि चीन में हैं और एक अधिकारी जो कि जी20 की एक सरकार में काम करते हैं, ये बातें कहीं.

वहीं भारतीय और चीनी विदेश मंत्रियों के प्रवक्ता इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

रायटर्स के मुताबिक, भारत में जी20 शिखर सम्मेलन को एक ऐसी जगह के तौर पर देखा जा रहा था, जहां शी की, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करने की संभावना थी, जिन्होंने अपनी उपस्थित की पुष्टि की है, जिसमें दो सुपरवार पावर अपने व्यापार और भू-राजनीतिक स्तर पर तनाव वाले संबंध को स्थिर करना चाह रहे हैं.

शी पिछले नवंबर, जी20 शिखर सम्मेलन से इतर आखिरी बार बाइडेन से इंडोनेशिया के बाली में मिले थे. भारत सरकार के सीनियर अधिकारी ने रायटर्स से कहा, “हमे पता है कि शी की जगह पर उनके प्रधानमंत्री आएंगे.”

चीन के सूत्रों में से दो ने बताया कि, उन्हें चीनी अधिकारियों ने बताया कि वे शी के न जाने की वजह के बारे में नहीं जानते, रायटर्स ने यह खबर दी है.

चीन में अचानक कोविड प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से चीनी राष्ट्रपति ने कुछ देशों की यात्राएं की हैं. वह, हालांकि, पिछले सप्ताह साउथ अफ्रीका में हुए ब्रिक्स की बैठक में पहुंचे थे.

रॉयटर्स के अनुसार, शिखर सम्मेलन से पहले भारत में कई जी20 मंत्रिस्तरीय बैठकें विवादास्पद रही हैं क्योंकि रूस और चीन ने मिलकर संयुक्त बयानों का विरोध किया था, जिसमें पिछले साल यूक्रेन पर आक्रमण के लिए मॉस्को की निंदा करने वाले पैराग्राफ शामिल थे.

इस बीच, पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी से ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) से जुड़े मुद्दे उठाए थे, दोनों नेता ने इस बात पर सहमति जताई थी कि मामले से जुड़े अधिकारी “जल्द डि-एस्कलेशन और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करें.”

15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत के शामिल होने को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स के बाकी नेताओं के साथ बातचीत की थी.

उन्होंने कहा पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति के साथ अपनी बातचीत में एलएसी पर भारत-चीन संबध को सामान्य बनाए रखने के लिए सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने को जरूरी बताया था.


यह भी पढ़ें : राजस्थान में खेमेबाजी से निपटने के लिए BJP की ‘रणनीति’- परिवर्तन यात्रा को नड्डा, शाह दिखाएंगे हरी झंडी


 

share & View comments