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Saturday, 18 May, 2024
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राजस्थान में खेमेबाजी से निपटने के लिए BJP की ‘रणनीति’- परिवर्तन यात्रा को नड्डा, शाह दिखाएंगे हरी झंडी

राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी भी यात्रा के चरणों को हरी झंडी दिखाएंगे. ऐसा पता चला है कि राजस्थान भाजपा के कार्यकर्ता यह जानने के बाद कि राज्य के नेता नेतृत्व नहीं करेंगे, ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह क्रमशः 2 और 3 सितंबर को चुनावी राज्य राजस्थान में पार्टी की परिवर्तन यात्रा के पहले दो चरणों को हरी झंडी दिखाएंगे.

पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने शुरू में राज्य के नेताओं – पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व राज्य भाजपा प्रमुख सतीश पुनिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित अन्य को यात्रा के विभिन्न चरणों का नेतृत्व करने की योजना बनाई थी, लेकिन यह योजना अधूरी रह गई. पार्टी की राज्य इकाई के भीतर अंदरूनी कलह को रोकने के लिए अंतिम समय में इसे टाल दिया गया.

इसके बजाय, सूत्रों ने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि केंद्रीय नेता यात्रा के विभिन्न चरणों की शुरुआत करेंगे, जिसमें राजस्थान में आबादी के विभिन्न वर्गों तक पहुंचना शामिल है.

हालांकि, ऐसा लगता है कि इसका एक साइड-इफेक्ट रहा: राजस्थान भाजपा के भीतर ‘विभिन्न खेमों’ से जुड़े पार्टी कार्यकर्ता यह जानने के बाद कि विभिन्न चरणों को उनके नेताओं द्वारा हरी झंडी नहीं दिखाई जाएगी, यात्रा में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.

राजस्थान बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया, “राजस्थान भाजपा के भीतर बहुत सारे खेमे हैं और अब जब राज्य के अलग-अलग नेता यात्रा के विभिन्न चरणों का नेतृत्व नहीं कर रहे हैं, तो उनके कार्यकर्ता भी ज्यादा उत्साह नहीं दिखा रहे हैं. अभी माहौल नहीं बन पाया है,”

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कुल 9,000 किमी की दूरी तय करते हुए, भाजपा की परिवर्तन यात्रा संभवतः 25 सितंबर को जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित की जाने वाली एक सार्वजनिक बैठक के साथ समाप्त होगी.

यात्रा के पहले चरण को भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा 2 सितंबर को सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर में हरी झंडी दिखाएंगे. 47 विधानसभा क्षेत्रों में 1847 किमी की दूरी तय करते हुए यह जयपुर में समाप्त होगी.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 3 सितंबर को डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम में दूसरे चरण को हरी झंडी दिखाएंगे. यह चरण कोटा शहर में समाप्त होने से पहले 52 विधानसभा क्षेत्रों में 2,433 किमी की दूरी तय करेगा.

तीसरा चरण जैसलमेर के रामदेवरा मंदिर से जोधपुर तक के लिए होगा जिसे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 4 सितंबर को हरी झंडी दिखाएंगे और 51 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगे. और हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी मंदिर से अलवर तक के लिए चौथे चरण को 5 सितंबर को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा हरी झंडी दिखाई जाएगी, जो 50 विधानसभा क्षेत्रों में 2128 किमी की दूरी तय करेंगे.


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‘एक चेहरे को आगे करने से दूसरे नेता नाराज हो सकते हैं’

चारों चरणों में से यात्रा के किसी भी एक चरण की जिम्मेदारी राज्य के किसी भी नेता को नहीं सौंपने के पार्टी के फैसले के पीछे का तर्क बताते हुए, एक वरिष्ठ केंद्रीय भाजपा नेता ने दिप्रिंट को बताया कि “गुटबाजी” इसका एक प्रमुख कारक था.

उन्होंने कहा, ”किसी एक चेहरे को आगे बढ़ाने से अन्य नेता नाराज हो सकते हैं. पार्टी ने इससे बचने के लिए यह कदम उठाया, खासकर चुनाव से पहले. आलाकमान नहीं चाहता कि चुनाव से पहले कोई मतभेद सामने आए.”

इस बीच, राजस्थान भाजपा के एक नेता ने कहा कि चूंकि राज्य के नेताओं को कोई विशिष्ट जिम्मेदारी नहीं दी गई है, इसलिए वे तैयारियों में शामिल होने से बच रहे हैं.

‘वसुंधरा राजे बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, विधानसभा चुनाव से पहले आलाकमान ने उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है. स्वाभाविक रूप से, उनके समर्थक उनके साथ किए जा रहे व्यवहार से काफी नाराज हैं.”

‘परिवर्तन यात्रा को लेकर भी पार्टी ने उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है. वह पूर्व में मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और एक अनुभवी नेता हैं. नेता ने कहा, ”गहलोत सरकार का मुकाबला करने में उनकी मदद लेने के बजाय, पार्टी कार्यकर्ताओं को अलग-थलग करने में व्यस्त है.”

राजस्थान बीजेपी के एक अन्य सूत्र ने यह भी कहा कि हालांकि राजे यात्रा में हिस्सा लेंगी, लेकिन वह लो प्रोफ़ाइल रह रही हैं और यहां तक कि उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को घेरने के लिए 1 अगस्त को राजस्थान बीजेपी द्वारा आयोजित ‘महा घेराव’ से भी दूर रहने का फैसला किया है.

“वह (राजे) यात्रा में शामिल होंगी क्योंकि यह एक पार्टी कार्यक्रम है, लेकिन अगर वे कांग्रेस को हराना चाहते हैं तो अब समय आ गया है कि वे अभियान समिति के प्रमुख की घोषणा करें. प्रधानमंत्री मोदी को गहलोत के खिलाफ खड़ा करने के बजाय, उन्हें (मोदी को) चुनाव अभियान में सेलेक्टिव तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए.’ अभी भी कुछ उम्मीद है कि महीने के अंत तक पार्टी आखिरकार तय कर लेगी कि उन्हें (राजे) प्रचार समिति का प्रमुख घोषित किया जाए या नहीं. इससे पार्टी और कार्यकर्ताओं के लिए चीजें बहुत आसान हो जाएंगी.’

राजस्थान में भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति के समन्वयक नारायण पंचारिया ने दिप्रिंट को बताया कि यात्रा के चारों चरणों को अलग-अलग केंद्रीय नेता हरी झंडी दिखाएंगे, फिर उन्हें दो राज्य-स्तरीय नेताओं द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा. इनमें से दोनों के साथ केंद्र स्तर के एक नेता होंगे.

पंचारिया ने इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी ने राज्य के भाजपा नेताओं को यात्रा के विभिन्न चरणों की देखरेख का काम सौंपने की अपनी पूर्व योजना के बारे में कभी आधिकारिक घोषणा नहीं की.

उन्होंने कहा, “यात्रा जे.पी.नड्डा की रैली से शुरू होगी. इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दूसरे चरण का उद्घाटन करेंगे. जहां तक पूरी कवायद का सवाल है, दो राज्य स्तरीय और एक केंद्रीय नेता निर्दिष्ट स्थानों पर यात्रा का नेतृत्व करेंगे. जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ेगी, राज्य के नेता बदलते रहेंगे.”

यात्रा की तैयारियों में शामिल नहीं किए जाने से नाराज होने की अटकलों के बीच जब पूछा गया कि क्या राजे यात्रा में भाग लेंगी, तो पंचारिया ने दावा किया कि राजस्थान कांग्रेस “इस तरह के बयानों से भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है”.

“वसुंधरा जी हमारी नेता हैं और यात्रा के सभी चरणों में शामिल होंगी. हम उनके मार्गदर्शन पर भरोसा करते हैं क्योंकि वह एक अनुभवी नेता हैं. हमारे इतने सारे नेता इस यात्रा का हिस्सा होंगे, इसका कारण यह है कि राजस्थान कांग्रेस के विपरीत हमारे पास बहुत सारे नेता हैं. पंचारिया ने कहा, ”भाजपा की पूरी टीम एक साथ काम कर रही है.”

उन्होंने कहा कि इस यात्रा के माध्यम से, भाजपा का लक्ष्य राजस्थान में महिलाओं, दलितों, किसानों और युवाओं के साथ बातचीत करना है जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. उन्होंने कहा, ”जनता में भारी गुस्सा है और वे (सरकार में) बदलाव चाहते हैं.”

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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